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पंजाब में बाढ़ के रूप में आई आपदा के चलते आम तबादलों की तारीख़ में एक बार फिर से हो सकता है इजाफा

PUBLISH DATE: 09-09-2025

जालंधर, 9 सितंबर : पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने जहां आम लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं सरकारी सिस्टम के भीतर एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। प्रशासनिक ढांचे में सबसे मलाईदार सीटों पर तैनात कुछ कर्मचारियों के लिए यह आपदा किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही। वजह साफ है राज्य सरकार द्वारा आम तबादलों की अंतिम तारीख़ को बढ़ाए जाने की चर्चाएँ। एक बार फिर से आम तबादलों की अंतिम तारीख को 15 दिन और बढ़ाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यहां बताने लायक है कि दैनिक सवेरा की तरफ से ही सबसे पहले पिछली बार बढ़ाई गई तारीख को लेकर खबर प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद सरकार ने अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2025 कर दी थी।


आप सरकार के कार्यकाल में आरसी की सीट पर दोबारा वापसी बनी नामुमकिन ?


जानकार मानते हैं कि मौजूदा सरकार के रहते आरसी की सीट पर किसी कर्मचारी की दोबारा तैनाती लगभग नामुमकिन है। वजह यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार पारदर्शिता और फेरबदल की नीति पर जोर दे रही है, और लंबे समय से मलाईदार कुर्सियों पर बैठे कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में है। इसीलिए कई आरसी कर्मचारी अब अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए ज़िला प्रशासन की अन्य मलाईदार सीटों की तलाश में जुट गए हैं।


लालचवश पहले प्रमोशन नहीं लेना चाहते थे कर्मचारी


इस पूरे मामले में एक और दिलचस्प पहलू सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि अधिकांश आरसी पद पर तैनात कर्मचारी प्रमोशन के लिए योग्यता पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्होंने पहले ही लिखित में दिया हुआ है कि वे फिलहाल प्रमोशन नहीं लेना चाहते। वजह साफ थी—प्रमोशन लेने पर उन्हें आरसी की मलाईदार सीट छोड़नी पड़ती। ऐसे में कई कर्मचारी वर्षों से इसी पद पर टिके हुए हैं। अब हालात यह हैं कि सरकार का मूड इन कर्मचारियों का तबादला करने का है। इसलिए बहुत से कर्मचारी मजबूरीवश अब प्रमोशन लेने के बारे में सोचने लगे हैं लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी अड़चन वही पत्र है, जो उन्होंने खुद दिया था। नियमों के मुताबिक, एक बार लिखित रूप में प्रमोशन न लेने की इच्छा जताने के बाद कम से कम दो साल तक कोई कर्मचारी प्रमोशन के लिए पात्र नहीं होता। ऐसे में अब यह कर्मचारी अपने ही लिखे पत्र से फँसे नज़र आ रहे हैं।


तबादले पर लटक रही तलवार, लेकिन एक बार फिर से राहत मिलने की जगी उम्मीद


पिछले करीब डेढ़ महीने से पंजाब में कर्मचारियों पर तबादलों की तलवार लटक रही है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में आम तबादलों की अंतिम तारीख़ बढ़ाकर कर्मचारियों को कुछ दिन की राहत दी थी। अब चर्चाएँ हैं कि इसे एक बार फिर 15 दिन के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि 15 सितंबर या उसके बाद ही होगी, लेकिन इस बीच जिन कर्मचारियों को सबसे अधिक राहत मिलती दिख रही है, वे हैं आरसी (रजिस्ट्री क्लर्क) की सीट पर तैनात कर्मचारी।


आरसी की कुर्सी है ज़िला प्रशासन की सबसे मलाईदार सीट


जिला प्रशासनिक ढांचे में आरसी का पद हमेशा से मलाईदार माना जाता रहा है। कारण है इस पद से जुड़े सीधे-सीधे जनता के काम और उससे मिलने वाले फायदे। यही वजह है कि लंबे समय से कई कर्मचारी किसी न किसी जुगाड़, सिफारिश या राजनीतिक संरक्षण के दम पर इस सीट पर जमे हुए हैं। अब जब तबादलों की आहट सुनाई दे रही थी, तो इन कर्मचारियों के पैरों तले ज़मीन खिसकने लगी थी। मगर बाढ़ के हालात और सरकार द्वारा तारीख़ बढ़ाने की संभावनाओं ने फिलहाल उन्हें चैन की सांस दी है।


मलाईदार सीटों के लिए जुगाड़ का नया दौर हुआ शुरू


खबर है कि ऐसे कर्मचारी अब किसी भी तरह से तबादलों की लिस्ट में अपनी सीटिंग सुरक्षित कराने या फिर अन्य विभागों में प्रभावशाली पद हासिल करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। दरअसल, जिन कर्मचारियों ने खुद प्रमोशन ठुकराया था, वे अब प्रमोशन चाहते हैं, मगर नियम उन्हें रोक रहे हैं। ऐसे में उनके पास एक ही रास्ता बचता है केवल जुगाड़ और राजनीतिक पकड़


एक तरफ बाढ़ से जनता बेहाल, पर सिस्टम में सियासत जारी


विडंबना यह है कि जब एक तरफ बाढ़ से जूझते लोग राहत और मदद की उम्मीद कर रहे हैं, उसी समय सिस्टम के भीतर बैठे कुछ कर्मचारी अपने भविष्य की मलाईदार कुर्सियों की गणित बिठाने में व्यस्त हैं। इससे साफ है कि बाढ़ का असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक ढांचे पर भी पड़ा है। फर्क इतना है कि जनता के लिए यह आपदा संकट लेकर आई है, जबकि मलाईदार सीटों पर बैठे कर्मचारियों के लिए यह किसी छुपे हुए वरदान की तरह साबित हो रही है।