देर से आए मगर दुरूस्त आए, अभिषेक बख्शी की मेहनत रंग लाई, अग्रवाल अस्पताल सील होने के कगार पर !
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नगर निगम ने भेजा नोटिस, 3 दिन में देना होगा जवाब, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अग्रवाल लीवर एंड गट सुपर स्पैशिलिटी अस्पताल के मालिक डा. मनीष अग्रवाल की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। नगर निगम जालंधर द्वारा पिछले कुछ दिनों से अवैध निर्माणों को लेकर जारी मुहिम के तहत आज जे पी नगर स्थित अग्रवाल लीवर एंड गट सुपर स्पैशिलिटी अस्पताल को एक बार फिर से नोटिस जारी करके 3 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है, कि अगर उनके पास इस निर्माण की कोई मंज़ूरी है तो उसे पेश किया जाए, अन्यथा उनके हस्पताल को सील किया जा सकता है।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा गौ-भक्त व आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक बख्शी के खिलाफ दायर याचिका माननीय अदालत ने की है खारिज
यहां बताने लायक है कि समाज सेवक अभिषेक बख्शी पिछले लंबे समय से उक्त अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके द्वारा सीएम से लेकर लोकल बाडी विभाग एवं नगर निगम जालंधर के पास कई बार इस अवैध निर्माण को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकी हैं। निगम ने 2 बार नोटिस भी जारी किया था। मगर हर बार अस्पताल प्रबंधन अपने रसूख व ऊंची पहुंच के चलते कारवाई को टालने में कामयाब होते रहे हैं।
इतना ही नहीं अस्पताल की तरफ से अभिषेक बख्शी के खिलाफ साल 2022 में दायर की गई एक याचिका को माननीय अदालत ने खारिज कर दिया था। इस संबंधी मीडिया को जानकारी देते हुए अभिषेक बख्शी ने कहा था, कि शहर के रिहायशी इलाके में अवैध रूप से बनाए गए अग्रवाल अस्पताल को लेकर उनकी तरफ से नगर निगम में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस अवैध निमार्ण को लेकर न केवल उन्होंने बल्कि कई अन्य लोगों के साथ-साथ इलाका निवासियों ने भी विरोध जताया था। मगर अपनी ऊंची पहुंच, रसूख, पैसों की ताकत व तगड़ी सैटिंग के चलते वह इन सभी शिकायतों के दबाने में कामयाब हो गए थे। जिसके बाद उनकी तरफ से माननीय अदालत में क याचिका दायर की गई थी, जिसमें उनके ऊपर दुर्भावनापूर्ण इरादे व बुरी नीयत से धरना लगाने जैसे गंभीर दोष लगाए गए थे।
मगर माननीय अदालत में लगभग 2 साल तक चले इस केस में वह न तो कोई सबूत ही पेश कर पाए और न ही अपने आरोपों को सिद्द करने के लिए कोई गवाह ही प्रस्तुत कर पाए। माननीय अदालत द्वारा कई अवसर दिए जाने के बाद भी जब अग्रवाल अस्पताल की तरफ से अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, तो पिछले साल दिसंबरं महीने में माननीय अदालत ने उक्त याचिक को खारिज कर दिया था।
दुर्भावनापूर्ण इरादे व बुरी नीयत से धरना लगाने जैसे लगाए थे गंभीर दोष, अब मानहानि व अस्पताल को सील करने के लिए याचिका दायर करने की हो रही तैयारी
मीडिया से बात करते हुए अभिषेक बख्शी ने कहा, कि उन्हें न्यायप्रणाली पर पूर्ण विश्वास है, इसीलिए वह सच्चाई के लिए आवाज बुलंद करने में कभी भी गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सारे आरोप झूठे व बेबुनियाद थे। अग्रवाल अस्पताल ने उन्हें ब्लैकमेलर भी कहा था और इस याचिका से उनकी सामाजिक छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया गया था। जिसे व किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं करेंगे। जल्दी ही वह माननीय अदालत में डा. मुनीश अग्रवाल के खिलाफ मानहानि का एक दावा करने के साथ-साथ उनके अवैध बने हुए अस्पताल को सील करने के लिए भी याचिका लगाएंगे। ताकि इस तरह से कानून तोड़ने वाले अन्य लोगों को भी सबक प्राप्त हो सके।
एक बार फिर से नगर निगम में शिकायत करवाई है दर्ज – अभिषेक बख्शी
अभिषेक बख्शी ने बताया कि उनकी तरफ से मंगलवार को एक बार फिर से उक्त अस्पताल के खिलाफ नगर निगम के पास लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है, ताकि इस अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से स्थाई तौर पर सील किया जा सके।

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