तहसीलदारों का हुआ तबादला, शातिर महारथी की लगी मौज, शिकायत व जांच ठंडे बस्ते में, रोज़ाना काली कमाई की कूट रहा चांदी !

अधिकारियों पर सरकार ने दिखाई सख्ती, जनता व प्रशासन को चूना लगाने एवं जालसाजी करने वाले एजैंटों पर कब होगी कारवाई ?
पिछले कुछ दिनों से जैसे प्रदेश की आप सरकार फुल एक्शन मोड में दिखाई दे रही है और जिस तरह से हाल ही में तहसीलदारों की हड़ताल को लेकर सीएम भगवंत मान ने सख्ती बरती थी, उसको देखकर प्रदेश की जनता के बीच साफ संदेश गया था करप्शन नाम वाली दीमक ने जिस तरह से सरकारी तंत्र की जड़ों को खोखला कर दिया है, उससे अब निजात मिलने वाली है। मगर एक सवाल आम जनता के मन में ज़रूर आता है कि तहसीलदारों पर तो सरकार ने कड़ा रूख अपना लिया है, मगर जालसाजी एवं फर्जीवाड़ करने वाले एजैंटों पर कब शिकंजा कसा जाएगा, कब उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
बात करें जालंधर तहसील की तो, अपनी शुरूआत से ही विवादों के साथ घिरी रहती है, यहां भ्रष्टाचार एवं गल्त काम अपनी चरम सीमा को छू रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील में खुद को वसीका नवीस बताने वाले एक निजी करिंदे जिसका नाम “प” अक्षर से शुरू होता है, उसकी कहानी ऐसे ही एक चिकने घड़े के समान है। जिसे न तो किसी कानून का कोई डर है और न ही किसी नियम की कोई परवाह है।
तहसीलदारों के तबादले से अब उक्त प्राईवेट करिंदे की मौज लग गई है। जहां पूर्व में उसके बड़े-बड़े कारनामों को देखते हुए तत्कालीन अधिकारियों ने उसे एक तरह से अपने दफ्तर में आने के लिए बैन किया हुआ था। जो कि अब खुल गया है और वह बदस्तूर सीना चौढ़ा करके सुबह से शाम तक बिना किसी लाईसैंस के बतौर वसीका नवीक काम करके हर तरह के गलत काम कर रहा है। और काली कमाई की मोटी चांदी कूटने का काम भी कर रहा है।
चाहे जाली क्लासीफिकेशन लगाकर रजिस्ट्री करवाने का मामला हो, चाहे पुडा के अधीन आने वाले इलाके में नगर निगम जालंधर की जाली एनओसी अपने कंप्यूटर पर बनाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की नौकरी खतरे में डालने का मामला हो। चाहे किसी भी तरह का कोई भी जाली दस्तावेज़ बनवाना हो उक्त शातिर किस्म के यह महारथी चुटकियों में उपलब्ध करवा देते हैं। इसके काले कारनामों की लिस्ट काफी बड़ी है।
जिसमें बैन खसरा नंबर वाली गलत रजिस्टरी करवाकर 1 लाख जैसी मोटी राशी वसूल करना हो। शहर की आधी अवैध कालोनियों के प्लाटों की जाली एनओसी व क्लासिफिकेशन लगाकर रजिस्ट्रियां करवाना हो। अपनी पत्नी के नाम पर एक ऐसी रजिस्ट्री करवाने का मामला हो, जिसमें किसी अन्य जगह के खसरा नंबर लिखकर सरकार को धोखा देना हो। एक महिला की जगह किसी अन्य को खड़ी करके दस्तावेज़ रजिस्टर करवाना हो। पुडा की जाली एनओसी बनाना हो। पुडा के इलाके वाली जगह की पैसों की ताकत से नगर निगम की जाली क्लासिफिकेशन लगाकर रजिस्ट्री करवाना हो।
मामले तो बहुत अधिक है, मगर आज तक इसके खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जा सकी। जिस वजह से इसके हौंसले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और उक्त एजैंट सरकार व प्रशासन को चूना लगाने का काम बदस्तूर जारी रखे हुए है।
सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं है कि इसके खिलाफ पहले कोई शिकायत नहीं आई, मगर हर बार यह पैसों के दम पर एवं बेहद सफाई से झूठ को सच साबित करके बच निकलता रहा है। अब अधिकारियों के तबादले होने की वजह से इसके खिलाफ आई सभी शिकायतों की जांच ठंडे बस्ते में डल गई है और उक्त स्वःघोषित वसीका नवीस अपने काले कारनामे जारी रखे हुए है।

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