खामी स्टाक होल्डिंग की, खामिया भुगत रही आम जनता - तकनीकी खामी से रजिस्ट्री प्रक्रिया हुई प्रभावित

कुछ घंटे ठप्प रहा कामकाज, न जारी हुए ई-स्टांप, न ही कन्फर्म हुई फीस
जालंधर : पंजाब में हफ्ते का पहला दिन सोमवार उन लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा जो अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों तक पहुंचे थे। स्टांप पेपर जारी करने और सरकारी फीसें ऑनलाइन जमा करके रसीद जारी करने का जिम्मा देख रही निजी कंपनी स्टाक होल्डिंग की साईट में आई किसी तकनीकी खामी के चलते पूरे प्रदेश में हजारों लोग परेशान होते रहे। कुल मिलाकर, स्टाक होल्डिंग कंपनी की इस तकनीकी खामी ने प्रदेशभर में हजारों लोगों को परेशानी में डाल दिया। सवाल यह है कि जब सरकार ने पूरी तरह डिजिटल सिस्टम लागू कर दिया है तो क्या ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक बैकअप योजना है ? अगर नहीं, तो इसकी कीमत हमेशा आम जनता को ही चुकानी पड़ेगी। यहां बताने लायक है कि अगर जालंधर की बात करें तो मौजूदा समय के अंदर लगभग 400 अष्टामफरोश ई-स्टांप पेपर बेच रहे हैं और पूरे प्रदेश में यह गिनती 4 हज़ार के करीब है। इसके इलावा सेवा केन्द्र व कुछ सरकारी बैंक भी ई-स्टांप बेचने का काम कर रहे हैं।
सुबह कुछ देर चला काम, बाद में हो गया बंद
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह देर के लिए कामकाज सामान्य रूप से चला और ई-स्टांप पेपर आम दिनों की भांती जारी होते रहे। मगर कुछ ही देर में साईट पूरी तरह से बंद हो गई और कामकाज पूर्ण रूप से ठप्प हो गया। जहां एक तरफ पूरे प्रदेश के अष्टामफरोशों व सरकारी बैंकों व सेवा केन्द्रों से एक भी ई-स्टांप पेपर जारी नहीं हुआ और साथ ही साथ सरकारी खाते में जमा होने वाली रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन भुगतान करने के बावजूद स्टाक होल्डिंग की ओर से उसका कन्फर्मेशन जारी नहीं किया जा रहा था। नतीजतन, जिन आवेदकों को पहले ही सब-रजिस्ट्रार से अप्रूवल मिल चुका था और जिन्होंने अप्वायंटमेंट लेकर स्टांप पेपर खरीद भी लिया था, वे भी दफ्तरों में अपने दस्तावेज़ रजिस्टर करवाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
फीस खाते से कटी, सिस्टम में नहीं आई नज़र
आवेदकों की सबसे बड़ी शिकायत यही रही कि फीस उनके खातों से सुबह ही कट चुकी थी, लेकिन सिस्टम में कहीं दिखाई नहीं दे रही थी। इसका सीधा असर यह हुआ कि न तो वे दस्तावेज़ सब-रजिस्ट्रार को सौंप पाए और न ही अपनी रजिस्ट्री आगे बढ़ा पाए। दफ्तरों में सुबह से दोपहर तक यही दृश्य देखने को मिला कि लोग बार-बार अधिकारियों से पूछते कि उनकी फाइल कब आगे बढ़ेगी, लेकिन सब-रजिस्ट्रार भी तकनीकी समस्या के कारण असहाय नजर आए।
पिछले महीने पूरा दिन कपंनी की तरफ से आई परेशानी के कारण कामकाज बुरी तरह हुआ था प्रभावित
यहां बताने लायक है कि पिछले महीने 20 अगस्त को भी कुछ इसी तरह से कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए जाने पेमेंट गेटवे रेज़र-पे में आई तकनीकी खराबी के कारण ऐसे ही हालात पैदा हुए थे। अधिकारियों का कहना था कि, आवेदकों द्वारा जमा करवाई गई फीस उनके खाते से कट रही है, लेकिन रेज़र-पे के सर्वर में गड़बड़ी के चलते हमारे पास कन्फर्मेशन नहीं पहुंच पा रहा थी। इसीलिए बिना कन्फर्मेशन के हम आगे रसीद जारी नहीं कर सकते थे। मगर कंपनी के प्रयासों के बाद भी पूरा दिन रजिस्ट्रेशन का कामकाज पूरे पंजाब में बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
जनता में गुस्सा, सरकार पर सवाल
इस तकनीकी खामी ने एक बार फिर प्रदेश में लागू की गई ई-गवर्नेंस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि जब सरकार ने पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम लागू कर दिया है तो ऐसे में किसी भी खामी से बचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी होनी चाहिए। कुछ लोगों का कहना था कि अगर नकद या ऑफलाइन विकल्प होता तो कम से कम उन्हें दिनभर की मशक्कत और आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता था।
अधिकारियों ने आवेदकों की सुविधा के लिए किए प्रयास
सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में मौजूद अधिकारियों के पास जैसे ही मामले की जानकारी पहुंची, उन्होंने तुरंत स्टाफ को हिदायत जारी करते हुए कहा कि ऐसे लोग जिनकी फीस कन्फर्म नहीं हो पा रही है और उनकी अप्व्यांटमैंट खराब न जाए, इसके लिए दस्तावेज़ चैक-इन कर लिए गए, ताकि बाद दोपहर जैस ही फीस कन्फर्म हो जाए, उनकी रजिस्ट्री की जा सके।
साईट में आई तकनीकी खराबी के कारण आई थी समस्या – रोहित गंभीर
जब इस पूरे मामले पर निजी कंपनी स्टाक होल्डिंग जालंधर के मैनेजर रोहित गंभीर से बात की गई तो उन्होंने साफ किया कि यह समस्या उनकी साईट में आई किसी तकनीकी खराबी के कारण आई थी। सुबह काम सामान्य रूप से चला था, बाद में कुछ घंटों के लिए तकनीकी खराबी के कारण कामकाज प्रभावित ज़रूर हुआ था। मगर कंपनी की तरफ से इसे पहले के आधार पर तरजीह देते हुए दोपहर तक ठीक करवा दिया गया था। जिसके बाद पूरे प्रदेश में ई-स्टांप जारी हुए और फीसों की कन्फरमेशन भी पूर्व की भांती होती रही।
एफसीआर ने निजी कंपनी को लगाई लताड़, उनके निजी हस्तक्षेप के कारण बाद दोपहर शुरू हुआ काम
एफसीआर अनुराग वर्मा के पास जैसे ही इस मामले की जानकारी पहुंची, उन्होंने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए निजी कंपनी के सीनियर अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए बिना विलंब इस समस्या का समाधान करने की हिदायत जारी की। एफसीआर के निजी हस्तक्षेप के कारण निजी कंपनी ने तुरंत इसे ठीक करवाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया और बाद दोपहर एक बार फिर से कामकाज शुरू हो सका।

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