"हमारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता" न हमेंआरटीओ का कोई डर, न हमें मीडिया में छपने वाली खबरों की कोई परवाह !
कलर्क एवं निजी करिंदे की जोड़ी हुई बेलगाम, कर रहे लाखों की काली कमाई, हर राेज़ कूट रहे चांदी !
(अंदर की बात)
पंजाब के परिवहन विभाग की बात हो और जांलधर के आरटीओ दफ्तर की बात न की जाए, यह तो पूरी तरह से नाइंसाफी होगी। क्योंकि इस दफ्तर में काम करने वाले कलर्कों की काली कमाई का ग्राफ लगातार ऐवरैस्ट की ऊंचाईयां छू रहा है। सबसे मज़ेदार बात यह है कि हाल ही में एक बेहद इमानदार एवं सख्त अधिकारी एसडीएम-2 बलबीर राज सिंह को इस दफ्तर का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। जिनके आने के बाद इस दफ्तर में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जैसे कि आम जनता का काम सही समय पर किया जाना, बिना मतलब आवेदन अप्रवूल के लिए रोके जाना इत्यादि कई काम हैं, जिन्हें करने के लिए उनकी तरफ से स्टाफ को सख्त हिदायतें जारी कर दी गई हैं।
इतना ही नहीं दफ्तर के सारे कर्मचारियों काे साफ तौर पर हिदायतें जारी कर दी गई हैं, कि वह अपना काम हर हाल में पूरा करें व किसी भी सूरत में आम जनता को कोई परेशानी न झेलनी पड़े।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बावजूद इसके केवल कुछ दिन आदेश की पालना करने के बाद एक कर्लक जिसे कंप्यूटर चलाना आता ही नहीं है,उसकी आईडी एक बार फिर से बाहर हरीश नामक एक निजी करिंदे के पास चलनी शुरू हो गई। आरटीओ को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने कलर्क को स्पष्ट हिदायतें जारी की थी, कि वह अपना काम किसी भी सूरत में निजी करिंदे के पास न सौंपें।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कहने को तो उक्त कलर्क द्वारा यह कहा जा रहा है कि हरीश नामक निजी करिंदे के पास कोई काम नहीं दिया जा रहा और सारा काम वह अपने ही एक साथी कलर्क से करवा रही हैं। जबकि हरीश नाम का करिंदा तहसील में हर किसी को पूरी धौंस दिखाते हुए यह कह रहा है कि उसका व कलर्क का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। उन्हें न तो आरटीओ का कोई डर है और न ही मीडिया में लगने वाली खबरों की कोई परवाह है। ऐसा प्रतीत हाेता है कि यह पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं। जिसके चलते राेज़ाना मोटी चांदी कूटते हुए लाखों की काली कमाई कर रहे हैं।
कलर्क की आईडी कहां चल रही है इस बात की पुष्टि एनआईसी से की जा सकती है। क्योंकि जहां भी आईडी का इस्तेमाल होता है, वहां के आईपी एड्रैस से पूरी जानकारी मिल सकती है। मगर न जाने क्या कारण है कि हर बार अधिकारी ऐसे करप्ट कर्मचारियों के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई न करते हुए केवल चेतावनी देकर छोड़ देते हैं। जिससे ऐसे लोगों के हौंसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं।
बड़ी पुरानी कहावत है कि अति और खुदा का आपस में बैर होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन भ्रष्ट लोगों का बुरा समय अब शुरू होने वाला है, क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक स्वयं सेवी संस्था के प्रमुख एवं आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा इस मामले की पूरी जानकारी एक शिकायत के रूप में प्रदेश के सीएम एवं विजीलैंस विभाग के पास की जा चुकी है। जिससे अब आने वाले समय में आरटीओ दफ्तर के इस रैकेट का पर्दाफाश होने की प्रबल संभावना बन गई है।
इस संबधी जब आरटीओ से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं मिला, जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हुआ जैसे ही उनके साथ बात होगी, उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।
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