परिवहन विभाग की कथनी और करनी में है ज़मीन आसमान का अंतर !
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पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम, 2018 का सरेआम हो रहा उल्लंघन
समय पर सेवाएं नहीं दी जा रही अधिकतर सेवाएं, जनता हो रही परेशान, सरकार की साख को लग रहा गहरा धक्का
बहुत पुरानी कहावत है कथनी और करनी में अंतर – और यह कहावत पूरी तरह से फिट होती है पंजाब के परिवहन विभाग के ऊपर। जहां नीचे से लेकर ऊपर तक नियमों को सरेआम दरकिनार करते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। और अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सोमवार को पंजाब राज्य पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य कमिश्नर विजय कुमार जंजुआ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 'पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम, 2018' (THE PUNJAB TRANSPARENCYAND ACCOUNTABILITY IN DELIVERY OF PUBLIC SERVICE ACT, 2018) जिसे 2018 में तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2011 में बने राईट टू सर्विस एक्ट की जगह लागू किया था, उसका पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने संबधी एक ज़िला स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि समयबद् सेवाएं न देने की सूरत में 10 हज़ार रूपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।
मगर यह जुर्माना अगर एक पूरे विभाग पर लगाया जाने वाला हो तो उस सूरत में कोई भी अधिकारी शायद कुछ भी बोलने से गुरेज करेगा। सोचने वाली बात है कि अगर असलीयत में कोई आवेदक उक्त एक्ट के अधीन अपना लाईसैंस या आरसी न मिलने की सूरत में याचिका दायर करता है, तो उसे क्या जवाब मिलेगा। क्या वाकई विभाग अपनी नाकामी मानते हुए समय सीमा बीतने पर भी सेवा प्रदान न करने की सूरत में आवेदक की भरपाई करेगा या फिर मजबूरी बयान करते हुए केवल लालीपाप थमा दिया जाएगा।
3 महीने से लाईसैंस व आरसी की प्रिंटिंग का नहीं हुआ काम, प्रदेश में लाखों की गिनती में पहुंची पैंडेन्सी
प्रदेश में पिछले लगभग 3 महीने से एक भी लाईसैंस व आरसी का प्रिंट नहीं निकाला गया और न ही जनता को डिलीवर किया गया। अगर केवल जालंधर की ही बात करें तो मौजूदा समय के अंदर लगभग 50 हज़ार से ऊपर लाईसैंस व आरसी की प्रिंटिंग पैंडिंग पड़ी हुई है। और पंजाब का आंकड़ा तो काफी हैरान करने वाला होगा, क्योंकि इसकी गिनती लाखों में पहुंच चुकी है। दरअसल नवंबर महीने में लाईसैंस व आरसी की प्रिंटिंग करने वाली निजी कंपनी स्मार्ट चिप का ठेका खत्म हो गया था। जिसके बाद आज तक न तो परिहवन विभाग की तरफ से किसी अन्य कंपनी को यह काम सौंपा गया और न ही खुद अपने स्तर पर इसे चालू करने का प्रयास किया गया।
परिवहन विभाग की कुल 12 सेवाओं के लिए 3 से 21 दिन की समय सीमा की गई है तय
'पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम, 2018' के तहत परिवहन विभाग की कुल 12 सेवाओं को इस एक्ट के अधीन लाते हुए समय सीमा निश्चित की गई है। इसके अनुसार नीचे दिए गए चार्ट में हर सेवा के लिए कितने दिन लगेंगे, किसके पास याचिका दायर की जा सकती है और अगर वहां से इंसाफ नहीं मिलता है तो किसके पास अपील की जा सकती है। इसकी पूरी जानकारी दी गई है।
कहां और कब हुई मीटिंग, जवाबदेही आयोग के मुख्य कमिश्नर ने क्या कहा ?
पंजाब राज्य पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य कमिश्नर विजय कुमार जंजुआ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 'पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम, 2018' (THE PUNJAB TRANSPARENCYAND ACCOUNTABILITY IN DELIVERY OF PUBLIC SERVICE ACT, 2018) का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जिला प्रशासकीय परिसर में सोमवार को एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री जंजुआ ने कहा कि यह अधिनियम सरकारी सेवाओं की समय पर और निर्बाध डिलीवरी की गारंटी देने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि निर्धारित समय से अधिक विलंब होने पर प्रति मामले 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।अधिनियम में विभिन्न सेवाओं के लिए स्पष्ट समय सीमा दर्शायी गई है, जिसके माध्यम से नागरिक अनुचित देरी की स्थिति में अपील कर सकते है। उन्होंने सरकारी सेवाए मुहैया करवाने में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में आयोग की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नागरिक सेवाओं को कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य भर में प्रशासन की कुशलता को बढ़ाना और सरकारी सेवाओं में जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने मुख्य कमिश्नर को जालंधर प्रशासन द्वारा सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला इस अधिनियम के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। डा.अग्रवाल ने यह भी कहा कि जालंधर ने नागरिक सेवाएं प्रदान करने में पंजाब में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर डा. अमित महाजन, सहायक कमिश्नर (यूटी) सुनील फोगट, आर.टी.ए. डा. बलबीर राज सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम मनदीप कौर, फील्ड ऑफिसर इंद्रपाल सिंह, जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह भोगल और विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
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