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'जाली एनओसी' एवं 'जाली क्लासिफिकेशन' के बाद अब तहसील के जुगाड़ु लाेगों ने उतारे "तथाकथित वकील" !

PUBLISH DATE: 04-07-2024

शातिर वसीका नवीस संदिघ्द दस्तावेजों पर लगवा रहे वकीलाें की माेहर


INSIDE STORY JALANDHAR TEHSEEL FRAUD PUNJAB NEWS...... जालंधर तहसील (TEHSEEL) की माया अपरमपार है, यहां कब क्या हो जाए काेई नहीं जानता। इस तहसील में काम करने वाले कुछ बेहद शातिर किस्म के लाेग बड़ी सफाई से झूठ को सच और गल्त काे सही बना देते हैं, जिसे देखकर काेई भी दांतों तले उंगलियां चबा ले। चाहे जाली एनओसी (FAKE NOC) का मामला हो या फिर जाली क्लासिफिकेशन (FAKE CLASSIFICATION) के दम पर दस्तावेज़ रजिस्टर (DOCUMENTS REGISTRATION) करवाने का मामला हाे जालंधर तहसील के कुछ लालची किस्म के लाेगाें ने पूरे प्रदेश (STATE) में इस तहसील की साख काे गहरा धक्का पहुंचाने में काेई कसर बाकी नहीं छाेड़ी है।


सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय से एक गाेरखधंधा बदस्तूर यहां चल रहा है, वह है सरकार द्वारा लाईसैंसशुदा वसीका नवीसाें (LIECENCE HOLDER DEED WRITERS) द्वारा अपने ग्राहकाें के दस्तावेज़ (DOCUMENTS) खुद न लिखकर तहसील में ही मौजूद कुछ वकीलाें (ADVOCATES) से ड्राफटिड बाय (DRAFTED BY) की माेहर (STAMP) लगवाकर अधिकारियाें (OFFICERS) के समक्ष पेश करना।


दस्तावेज़ खुद तैयार करके केवल खास वकीलाें से लगवाई जा रही है माेहर


ऐसा नहीं कि सरकार (GOVERNMENT) ने वकीलाें द्वारा दस्तावेज़ ड्राफ्ट (DRAFT) करने पर काेई पाबंदी लगाई हुई है, या फिर जनता वकीलाें से अपने दस्तावेज़ नहीं लिखवा सकते। मगर इस पूरे मामले में सबसे राेचक बात यह है कि सरकार द्वारा लाईसैंसशुदा वसीका नवीस जिनका काम भी नियमानूुसार दस्तावेज़ लिखना ही है, पर न जाने किस कारणवश अपने पास आने वाले कुछ ग्राहकाें के दस्तावेज़ यह लिखते ताे खुद ही हैं, तैयार भी खुद ही करते हैं, मगर उसके ऊपर अपनी माेहर लगाने की जगह तहसील में काम कर रहे कुछ खास वकीलों काे पैसे देकर उनसे केवल माेहर लगवाकर उसे अधिकारियाें के सामने पेश कर देते हैं।


तथाकथित वकीलाें की जालंधर तहसील में हुई भरमार


तहसील सूत्राें की मानें ताे मौजूदा समय के अंदर जालंधर तहसील में कुछ तथाकथित वकीलाें की भरमार हाे चुकी है। यह वह वकील हैं जाे पहले किसी न किसी वसीका नवीस के पास बतौर निजी करिंदे का काम किया करते थे, या फिर तहसील में ही बतौर प्राईवेट करिंदा इधर-उधर घूमकर बतौर एजैंट काम किया करते थे। किसी अलादीन के चिराग में मौजूद जिन्न की अपार शक्तियाें का इस्तेमाल करते हुए उक्त लोग एकदम से तहसील में बतौर वकील प्रकट हो गए और यहां काम करने लगे। सूत्रों का कहना है कि उक्त लाेगों ने न ताे वकालत की काेई पढ़ाई की है और न ही इसके लिए काेई क्लास लगाई। केवल पैसों के दम पर बाहरी राज्याें से वकालत की डिग्री लेकर आ गए और खुद काे वकील कहलाने लगे।


गहन पड़ताल में खुल सकते हैं कई राज़


इस तरह के तथाकथित वकील जाे वकालत जैसे बेहद सम्मानजनक पेशे काे खराब करने का काम कर रहे हैं, उनके चेहरों के नकाब एवं कई राज़ खुल सकते हैं, अगर काेई भी उच्च-अधिकारी ऐसे लाेगाें की डिग्रियों की गहन पड़ताल करवाते हैं। 


मामले की हाेगी जांच, किसी प्रकार की जालसाजी नहीं हाेगी बर्दाशत - मनिंदर सिद्दू


सब-रजिस्ट्रार-2 मनिंदर सिंह सिद्दू से जब इस बारे में बात की गई ताे उन्हाेंने कहा कि उनके ध्यान में भी यह मामला आया है। और जल्दी ही इस संबधी जांच भी करवाई जाएगी। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा साफ तौर पर हिदायतें जारी की गई है, कि किसी किस्म की काेई जालसाजी बर्दाशत नहीं की जाएगी। 


अगर हमारे पास कोई लिखित शिकायत आएगी ताे उसकी जांच ज़रूर की जाएगी - आदित्य जैन


 



ज़िला बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट आदित्य जैन से जब इस बारे में बात की गई तो उन्हाे्ंने कहा कि अगर उनके पास काेई लिखित शिकायत आती है तो कानून में उपलब्ध प्रावधानों के अर्तगत उसकी जांच करवाई जा सकती है। और दाेषी पाए जाने पर बनती कानूनी कारवाई भी की जा सकती है।