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जाली एनओसी बनाकर दिल्ली से पंजाब में लाकर बेच रहे लग्जरी गाड़ियां !

PUBLISH DATE: 14-11-2024

जालंधर के एक मश्हूर एजैंट का रोल आ रहा सामने, आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों की मिलिभगत से नहीं किया जा सकता इंकार


पुलिस व अन्य एजैंसियों ने लिया राडार पर, जल्दी हो सकती है बड़ी कारवाई


 


 


दिल्ली-NCR और पंजाब के बीच लग्जरी गाड़ियों की बिक्री को लेकर एक नया रैकेट उभरकर सामने आ रहा है। हाल ही में रिपोर्ट्स में पता चला है कि कुछ शातिर तस्कर जाली एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) बनाकर दिल्ली से लग्जरी गाड़ियां अवैध रूप से पंजाब में लाकर बेच रहे हैं। इस मामले ने प्रशासन और पुलिस दोनों को चिंतित कर दिया है, और इसके पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए अब जांच शुरू की जा चुकी है।


 



 


 


इस पूरे मामले में जहां एक से अधिक राज्यों के एजैंटाें के शामिल होने की बात सामने आई है, वहीं जालंधर के ही एक मश्हूर एजैंट जो कि लंबे समय से केवल लगज़री गाड़ियों मे ही डील कर रहा है, उसका रोल भी सामने आ रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फैंसी नबंरों के लाखों रूपए के स्कैंडल का किंगपिन रह चुका उक्त एजैंट अब करोड़ों की संपत्ती का मालिक बन चुका है और हर समय इसके पास करोड़ों रूपए की कीमत वाली लगज़री गाड़ियां स्टाक में मौजूद रहती हैं। 


 



 


इस मामले में आरटीओ दफ्तर के कुछ करप्ट कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि बाहरी राज्यों से आने वाली लगज़री गाड़ियों को पंजाब का नंबर जारी करवाने एवं उसके बनते टैक्स में हेराफेरी करने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। मगर आज तक किसी के खिलाफ कड़ी कारवाई न होने की वजह से ही ऐसे लोगों के हौंसले निरंतर बुलंद होते जा रहे हैं और गलत काम करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। 


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शातिर एजैंट व इसके साथ इस पूरे रैकेट में शामिल लोगों को पुलिस ने अपने राडार पर ले लिया है और इनकी हर गतिविधि पर पैनी निगाह बनाकर रखी जा रही है। जल्दी ही इस मामले में बड़ी कारवाई हो सकती है और एक बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश हो सकता है। 


 


 



 


एनओसी क्या है?


नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) एक औपचारिक दस्तावेज है जिसे वाहन के मालिक को उसकी गाड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान में ट्रांसफर करने के लिए प्राप्त करना होता है। यह सुनिश्चित करता है कि वाहन किसी भी कानूनी समस्या में नहीं है और उसके सभी कागजात सही हैं। जाली एनओसी का उपयोग कर गाड़ियों की अवैध बिक्री न केवल ग्राहकों को धोखा देती है, बल्कि इससे गंभीर कानूनी मुद्दे भी उत्पन्न होते हैं।


समस्या की उत्पत्ति


इस अवैध गतिविधि के पीछे का मुख्य कारण उन लग्जरी गाड़ियों की बढ़ती मांग है, जो असली कीमत से कहीं कम में बेची जा रही हैं। कई बार ऐसे वाहन चोरी के होते हैं, जिन्हें फिर से बेचने के लिए एनओसी बनाकर वैधता दी जाती है। तस्करों ने एक जाल बुन रखा है जिसमें वे फर्जी दस्तावेज़ों का निर्माण करते हैं और उन्हें पेश करते हैं, जिससे ग्राहक बिना किसी शंका के गाड़ी खरीद लेते हैं।


 


 



 


दिल्ली से पंजाब तक का नेटवर्क


हाल ही में पंजाब पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है जो इस अवैध व्यापार में शामिल थे। उनके गिरफ्त में आने के बाद कई सुराग मिले हैं जो बताते हैं कि दिल्ली से गाड़ियों को खरीदने के बाद, उन्हें जाली एनओसी के सहारे पंजाब में लाया जाता है और वहां की मार्केट में आम जनता को बेचा जाता है। ऐसे मामलों में, खरीददारों को यह नहीं पता होता है कि वे एक अवैध वस्तु खरीद रहे हैं।


ग्राहकों के लिए सतर्कता


इस अवैध व्यापार से बचने के लिए ग्राहकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्हें हमेशा मोटरसाइकिल या कार खरीदते समय सभी दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। किसी भी दस्तावेज की वैधता की पुष्टि करना महत्वपूर्ण है। यदि शक हो, तो संबंधित ट्रांसपोर्ट कार्यालय से एनओसी की पुष्टि की जा सकती है। इसके अलावा, वास्तविक डीलरशिप से ही गाड़ी खरीदने की सलाह दी जाती है।


प्रशासन की कार्रवाई


दिल्ली और पंजाब दोनों के परिवहन विभाग अब इस समस्या के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस तरह के तस्करी नेटवर्क के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है। अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को ज्यादा सतर्क करने की आवश्यकता है और ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रयास किया जा रहा है।


 


जाली एनओसी बनाकर लग्जरी गाड़ियों की अवैध बिक्री एक गंभीर समस्या है, जो न केवल ग्राहक के लिए जोखिम है, बल्कि समाज में अव्यवस्था भी फैला रही है। लोगों को इस प्रकार की अवैध गतिविधियों से जागरूक रहना चाहिए और किसी भी वाहन की खरीदारी से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार के अपराधों को समय पर रोका जा सके और खरीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 


इस समस्या का समाधान सभी पक्षों की जिम्मेदारी है, और अगर सभी मिलकर काम करें तो इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।