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भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा निर्धारण में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनी डॉ. मनमोहन सिंह पीएचडी थीसिस

PUBLISH DATE: 27-12-2024

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को निधन हो गया। 92 वर्ष की आयु में उनका जाना भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सदमा है। डॉ. सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में जो योगदान दिया, उसका उल्लेख हमेशा किया जाएगा। उनके विचार, नीतियाँ और कार्य भारतीय समाज पर सदैव प्रभाव डालते रहेंगे।


शोध और योगदान का संक्षिप्त रेखांकन
1960 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था आयात प्रतिस्थापन की नीति पर आधारित थी, जिसका प्रमुख लक्ष्य था घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना। इसी समय, डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी पीएचडी के दौरान भारत के निर्यात प्रदर्शन पर गहन शोध किया और वैश्विक व्यापार के महत्व को उजागर किया। उनका संदेश था कि आयात प्रतिस्थापन नीति से भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता में कमी आ सकती है, जबकि निर्यात और मुक्त व्यापार से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।


1964 में पीएचडी: एक नई दृष्टि
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1964 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की। उनके शोध का शीर्षक था "भारत का निर्यात प्रदर्शन, 1951-1960", जिसमें उन्होंने निर्यात और मुक्त व्यापार का महत्व बताया। उन्होंने यह भी दिखाया कि भारत का निर्यात मुख्यतः कृषि उत्पादों पर निर्भर था और औद्योगिक उत्पादों का निर्यात नगण्य था। उनका यह शोध भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक कमजोरियों की पहचान करने में सहायक रहा।


आर्थिक सुधारों की शुरुआत
1991 में, जब भारत आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तो डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के साथ मिलकर आर्थिक सुधारों की शुरूआत की। इन सुधारों में आयात शुल्क में कमी, आयात लाइसेंस की समाप्ति, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नियमों को आसान बनाना और रुपये को अवमूल्यन करना शामिल था। इन नीतियों ने भारतीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी और उसे वैश्विक आर्थिक शक्तियों में स्थापित किया। उन्होंने भारतीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक स्थिरता प्राप्त की और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई।