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महानगर में लगातार बढ़ रहे क्राईम को रोकने के लिए पुलिसवालों को बनना होगा “दबंग” !

PUBLISH DATE: 15-09-2024

टांग के बदले टांग और हाथ के बदले हाथ वाली नीति अपनाने की उठने लगी मांग !


 



पिछले कुछ समय के दौरान जहां पुलिस प्रशासन द्वारा आम जनता के साथ सहयोग करते हुए हमेशा आपकी सेवा में रहने वाली छवि बनाई जा रही है। वहीं कुछ आपराधिक किस्म के लोग इस शायद पुलिस की कमज़ोरी मानते हुए निरंतर वारादातों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। महानगर में लगातार क्राईम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन किसी न किसी जगह से लूटपाट, स्नैचिंग, चोरी-डकैती, गोली चलने जैसी वारदातों की सूचना मिलती रहती है। ऐसा नहीं है कि पुलिस हाथ पर हाथ धरके बैठी है। बल्कि वारदात के चंद घंटों में ही पूरी मुस्तैदी के साथ अपराध करने वालों को सलाखों के पीछे भी धकेला जा रहा है।



बावजूद इसके आपराधिक तत्वों के हौंसले काफी बुलंद हो चुके हैं जिसका जीता जागता उदाहरण है गत दविस आदर्श नगर में मश्हूर कांटा-छुरी रैस्टोरैंट के साथ वाली गली के अंदर रात 10 बजे एक कारोबारी के घर काम करने वाले प्रवासी युवक से हथियारों के बल पर एक एक्टिवा पर आए 3 लुटेरों द्वारा ज़बरदस्ती 300 रूपए की लूट कर ली गई। ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त लोग कोई नशेड़ी भी हो सकते हैं, जो देर रात को इस तरह से गरीब लोगों को लूटकर अपनी नशे की लत पूरी कर रहे हो सकते हैं। यहां बताने लायक है कि जिस जगह इस घटना को अंजाम दिया गया, उससे कुछ ही दूरी पर एक बड़े पुलिस अधिकारी का घर भी है।


मगर इस घटना के बाद एक बार फिर से शहर के अंदर आम जनता के बीच मांग उठने लगी है कि पुलिसवालों को अब अपना दबंग रूप धारण करना होगा। इस संबधी जालंधर के कई व्हाटसएप ग्रुपों में एक मैसेज जिसके साथ इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी भेजी जा रही है। उसमें सीधे तौर पर मांग की गई है, कि “टांग के बदले टांग” और “हाथ के बदले हाथ” वाली नीति अपनाने की ज़रूरत आ चुकी है। इसलिए जो भी लुटेरे आम जनता को लूटने के लिए जिन हाथों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें तेड़कर सबक सिखाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी गलत काम करने से पहले सौ बार सोचे।


हालांकि इस तरह से कानून की रक्षा करके आम जनता को इंसाफ दिलाने वाले पुलिस प्रशासन को कानून अपने हाथ में लेने के लिए कहना किसी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। मगर शहर की जनता इस बात की मांग ज़रूर कर रही है, कि आपराधिक तत्वों के साथ नर्मी बरतने की जगह सख्ती ज़रूर बरती जानी चाहिए, ताकि आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।