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जालंधर तहसील के शातिर महारथी का एक और बड़ा कारनामा आया सामने, बैन खसरा नंबरों वाली अवैध कालोनी की रजिस्ट्री करवाने के लिए लगाया जुगाड़

PUBLISH DATE: 22-01-2025

अधिकारियों के चोरी पकड़ने पर बनाया दबाव, कहा ज़मीन मालिकों की पहुंच ऊंची, आपको हो सकता है नुक्सान


विजीलैंस के पास पहले ही की गई शिकायत, जल्द हो सकता है बड़ा पर्दाफाश


 


जालंधर तहसील जो अपनी शुरूआत से ही विवादों के साथ घिरी रहती है, यहां भ्रष्टाचार एवं गल्त काम अपनी चरम सीमा को छू रहे हैं। हालांकि 92 सीटें जीतकर एक सुनामी की भांती प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले ही साफ कर दिया था, कि किसी भी कीमत पर सरकारी दफ्तरों में करप्शन नहीं होने दी जाएगी। और इसके लिए सत्ता संभालने के बाद कई बहुत बड़े कदम भी उठाए गए। जिसमें अपने नेताओं से लेकर बड़े पारवरफुल सरकारी अफसरों पर भी कड़ी कारवाई करके यह बात साफ कर दी गई थी, कि कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। बावजूद इसके कुछ चिकने घड़े ऐसे हैं, जिनके ऊपर किसी बात का कोई असर होता ही नहीं है।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील में बतौर वसीका नवीस काम करने वाले एक निजी करिंदे की कहानी ऐसे ही एक चिकने घड़े के समान है। जिसे न तो किसी कानून का कोई डर है और न ही किसी नियम की कोई परवाह है। चाहे जाली क्लासीफिकेशन लगाकर रजिस्ट्री करवाने का मामला हो, चाहे पुडा के अधीन आने वाले इलाके में नगर निगम जालंधर की जाली एनओसी अपने कंप्यूटर पर बनाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की नौकरी खतरे में डालने का मामला हो। चाहे किसी भी तरह का कोई भी जाली दस्तावेज़ बनवाना हो उक्त शातिर किस्म के यह महारथी चुटकियों में उपलब्ध करवा देते हैं। 


सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं है कि इसके खिलाफ पहले कोई शिकायत नहीं आई, मगर हर बार यह पैसों के दम पर एवं बेहद सफाई से झूठ को सच साबित करके बच निकलता रहा है। मगर हाल ही में तो इसने हद ही पार कर दी। बुलंदरपुर इलाके में एक 2 कनाल की ज़मीन जिसके खसरा नंबर सरकार द्वारा बैन किए गए हैं। उसकी एग्रीकल्चर लैंड बताकर रजिस्ट्री करवा दी गई। और इस काम के लिए बाकायदा तौर पर अधिकारियों के नाम पर 1 लाख जैसी मोटी राशी भी वसूली गई। 


इसके बाद भी इसके लालच का पेट नहीं भरा और मंगलवार को इसी ज़मीन की प्लाटिंग करके 3-4 मरले की एक रजिस्ट्री अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई। सजग अधिकारियों ने जब दस्तावेज़ अच्छे से खंगाले तो उनके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। क्योंकि सबसे पहले तो अवैध कालोनी की प्लाटिंग की गई और बाद में नियमानुसार जो दस्तावेज़ रजिस्टर ही नहीं किए जा सकते, उसे भी अपने दबंग स्टाईल में बेहद शातिराना ढंग से अपनी जगह किसी अन्य निजी करिंदे को भेजकर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया। जिसमें यह बुरी तरह से फेल हो गया।


तहसील सूत्रों का कहना है कि गल्त काम करवाने में कामयाब न होने के बावजूद इस शातिर महारथी ने अधिकारियों व कर्मचारियों के ऊपर यह दबाव बनाने का भी प्रयास किया कि उक्त अवैध कालोनी काटने वाले लोग बहुत ताकतवार हैं और उनकी पहुंच बहुत ऊंची है। इतना ही नहीं सरकार में भी उक्त लोगाें का काफी दबदबा है, इसलिए आप यह गलत काम आंखे बंद करके कर दो वर्ना आपको भी नुक्सान झेलना पड़ सकता है। 


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के एक गौ-भक्त व आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा पहले ही इस पूरे मामले की शिकायत विजिलैंस विभाग के पास कर दी गई है। और आने वाले समय में दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।