WARD NO. 33 में AAP के मास्टरस्ट्रोक से
अपनी निश्चित हार देख कांग्रेसी उम्मीदवार ने नामांकन लिया वापिस, अरूणा अरोड़ा की जीत हुई पक्की
शहर के पाश इलाके वाले वार्ड नं 33 जहां पिछले कई सालों से स्वः मनोज अरोड़ा (MANOJ ARORA) एवं उनकी धर्मपत्नी अरूणा अरोड़ा (ARUNA ARORA) ने अपनी कड़ी मेहनत एवं दिन-रात किए गए विकास कार्यों की वजह से एकछत्र राज बनाया हुआ है, वहां आम आदमी पार्टी के एक मास्टरस्ट्रोक (MASTER STROKE) ने कांग्रेस पार्टी (CONGRESS PARTY) को चारों खाने चित्त कर दिया है। चुनावों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) ने शहर के अंदर आईयर लेडी (IRON LADY) के नाम से मश्हूर बेहद सश्कत उम्मीदवार (CANDIDATE) अरूणा अरोड़ा को कांग्रेस से अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया था।
जिसके उपरांत उनके सामने किसी पुराने व ताकतवार शख्सियत को खड़ा करने की बात की जा रही थी। मगर न जाने किस मजबूरी के तहत बिल्कुल अनुभवहीन एवं इलाके से पूरी तरह अनजान शहर के एक कारोबारी जिनकी जिमखाना क्लब की राजनीति में थोड़ी-बहुत पकड़ एवं पैसों की ताकत के चलते उनकी पत्नी को अरूणा अरोड़ा जैसी मजबूत दावेदार के सामने एक "बलि के बकरे" की भांती चुनावी मैदान में उतार दिया गया।
नामांकन भरने के पहले दिन से ही ज़मीनी हकीकत को देखते हुए कांग्रेसी उम्मीदवार के पैर कांपने लगे थे और उनके कारोबारी पति के ऊपर इस बात का दबाव भी बनता हुआ दिखाई दे रहा था, कि वह एक बहत करारी हार का सामना करने वाले हैं। जिसके चलते शनिवार बाद दोपहर उन्होंने अपना नामांकन वापिस ले लिया। जिससे अरूणा अरोड़ी की जीत जो पहले भी तय थी अब आधिकारिक तौर पर पक्की होती दिखाई दे रही है। क्योंकि भाजपा की उम्मीदवार का भी इस वार्ड में कोई जनाधार है ही नहीं। उनका नाम तक किसी ने नहीं सुना था ऐसे में वोटरों के पास जाकर अपनी किसी कारगुज़ारी के बताने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था।
यहां बताने लायक है कि कुछ लोगों का मानना है कि केवल पैसों के दम पर चुनाव जीते जा सकते हैं। मगर नगर निगम चुनावों की कड़वी सच्चाई यह है कि यहां आपका जनाधार, आपके द्वारा किए गए काम आपको जीत दिलवाते हैं। निगम चुनावों की राजनीति भी किसी क्लब की राजनीती से बहुत ऊपर होती है और यहां केवल पैसों के दम पर चुनाव नहीं जीते जा सकते।
हाट न्यूज़ इंडिया से विशेष बातचीत में अरूणा अरोड़ा के पुत्र अंशुल अरोड़ा ने बताया कि उनके कांग्रेसी प्रतिद्वंदी उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है। वहीं जब बिजनसमैन सुमित शर्मा से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्हाेंने फोन नहीं उठाया, जिससे उनकी पत्नी के नामांकन वापिस लेने की असली वजह का पता नहीं लग पाया।
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