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बाल भलाई कमेटी के चेयरमैन व 3 मैंबर लगा रहे सरकार को चूना, धोखाधड़ी करके ले रहे मानभत्ता,  सीएम, कैबीनेट मंत्री, स्पैशल चीफ सैक्रेटरी, डायरैक्टर, विजीलैंस विभाग व डीसी के पास पहुंची शिकायत

PUBLISH DATE: 11-03-2025

व्हिसलबलोयर गौरव लूथरा की कंप्लेट पर ज़िला प्रोग्राम अफसर ने पाया दोषी, कारवाई के लिए की सिफारिश


बड़ी पुरानी कहवात है कि अगर “बाढ़ ही खेत को खाने लगे” तो उसकी रक्षा कौन करे। यह कहावत पठानकोट (PATHANKOT) की ज़िला बाल भलाई कमेटी (DISTRICT CHILD WELFARE COMMITTEE) के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है, जहां बच्चों की भलाई और उनके साथ संबधित केसों की सुनवाई के लिए गठित की गई कमेटी (COMMITTEE) के चेयरमैन (CHAIRMAN) व मैंबर (MEMBER) ही किसी भक्षक की भांती केवल सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं।


यह बेहद गंभीर आरोप (SERIOUS ALLEGATIONS) लगाए हैं आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI ACTIVIST) व व्हिसलबलोयर (WHISTLE BLOWER) गौरव लूथरा (GAURAV LUTHER) ने, जिन्होंने बाकायदा तौर पर इसकी सबूतों सहित शिकायत (COMPLAINT)  सीएम भगवंत सिंह मान (CM BHAGWANT SINGH MAAN), कैबीनेट मंत्री (CABINATE MINISTER) सामाजिक सुरक्षा एवं स्त्री व बाल विकास विभाग (SOCIAL SECURITY, WOMEN & CHILD WELFARE DEPARTMENT) डा. बलजीत कौर (DR. BALJEET KAUR) , स्पैशल चीफ सैक्रेटरी (SPECIAL CHIEF SECRETARY) सामाजिक सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग राजी प्रमोद श्रीवास्तवा (RAJI PARMOD SRIVASTAVA), विजीलैंस विभाग (VIGILENCE DEPARTMENT), डायरैक्टर स्नेहा अग्रवाल (DIRECTOR SNEHA AGGARWAL) व डीसी पठानकोट (DC PATHANKOT) आदित्य उप्पल (ADITYA UPPAL) के पास दर्ज करवाई है। जिसमें ज़िला प्रोग्राम अफसर (DISTRICT PROGRAMME OFFICER) ने डीसी के पास मिति 17-02-2025 एक पड़ताल रिपोर्ट (INVESTIGATION REPORT) भेजी है, जिसमें चेयरमैन व 2 सदस्यों को दोषी पाया गया है व बनती कारवाई की सिफारिश भी की गई है।


क्या है मामला, किसने और क्या दी थी शिकायत ?


आरटीआई एक्टिविस्ट एवं व्हिसलब्लोर गौरव लूथरा ने मिति 12-11-2024 को डीसी पठानकोट के पास एक शिकायत-पत्र भेजा था, जिसमें बाल भलाई कमेटी पठानकोट के चेयरमैन गुरबचन सिंह एवं मैंबर एडवोकेट अमरजीत सिंह, मोनिका व गुरजिंदर कौर के खिलाफ जे.जे. एक्ट 2015 के अधीन बनाई गई कमेटी में अपना समय न देने, बच्चों के केसों की सुनवाई न करने, सरकार को चूना लगाने के साथ-साथ धोखाधड़ी करते हुए सरकार से पैसे ठगने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए थे।


गौरव लूथरा ने अपनी शिकायत में लिखा था कि अगस्त 2021 में 3 साल के लिए उक्त कमेटी का गठन किया गिया था, जिसमें डीसी बतौर रिव्युइंग अथार्टी हैं। नियमानुसार हर सदस्य के लिए रोज़ाना 6 घंटे की टाईमिंग वाली मीटिंग करना लाज़मी है। मगर अधिकतर सदस्य अपने निजी काम व नौकरी के चलते बच्चों के केसों में पूरा समय नहीं दे पा रहे थे। हर केस की प्रोसीजिंग में देरी से आते थे या फिर केवल अपने हस्ताक्षर करके 2 हज़ार रूपए प्रतिदिन मानभत्ता बनाकर वहां से चले जाते थे। जिस वजह से बच्चों के केसों का समय पर निपटारा नहीं हो पा रहा था।


शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे, कि मैंबर एडवोकेट अमरजीत सिंह जो कि पेशे से वकील हैं, वह बार-बार कमेटी का काम छोड़कर ज़िला व सैशन कोर्ट में चले जाते हैं और वहां अपने केसों की पैरवी करते हैं। जिससे साफ होता है कि उनकी तरफ से कमेटी का काम छोड़कर अपनी प्राईवेट प्रैक्टिस की जा रही है। जबकि बार काऊंसिल आफ इंडिया के रूल 47 से 51 के तहत कोई भी एडवोकेट किसी सरकार या गैर-सरकारी संस्था में रैगुलर काम कर रहा है, तो वह प्राईवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकता। इससे साफ होता है कि उक्त मैंबर बार काऊंसिल आफ इंडिया के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं और सरकार से भी पैसे ले रहे हैं। इसके साथ ही अमरजीत सिंह के खिलाफ पहले ही एक एफआईआर नं 62 मिति 25-08-2023 धारा 420/465/467/468/471 थाना शाहपुर कंडी में दर्ज है।


इसी तरह से अन्य मैंबर मोनिका व गुरजिंदर कौर दोनों ही दशमेश अकैडमी सीनियर सैकेंडरी स्कूल, नज़दीक पलटा साहिब गुरूद्वारा पठानकोट में बतौर प्रिंसीपल व वाईस प्रिंसीपल अपनी सेवाएं निभा रही हैं, जिनका नाम पंजाब सरकार की वैबसाईट पर भी अपडेट है। उक्त दोनों स्कूल से भी सैलरी ले रहे हैं और बतौर मैंबर कमेटी से भी पैसा ले रही हैं। एक ही दिन में 2 जगह हाज़िरी लगाकर यह दोनों स्कूल व सरकार को चूना लगाने का काम कर रही हैं।


इस पूरे मामले में कमेटी के चेयरमैन गुरबचन सिंह की पूरी मिलीभगत है और वह सब कुछ पता होने के बावजूद इनका साथ दे रहे हैं।


इसीलिए सभी व्यक्तियों की जांच करके बनती कानूनी कारवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई अन्य सरकार को इस तरह से चूना न लगा सके।


कोरोना काल के दौरान भी लाखों-करोड़ों रूपए के सैनेटरी पैड एवं आंगनवड़ी स्टेशनरी रजिस्टर घोटालों को लेकर चर्चा मे रह चुका है विभाग


सामाजिक सुरक्षा एवं स्त्री व बाल विकास विभाग के तहत आने वाली बाल भलाई कमेटी (CHILD WELFAFE COMMITTEE) मे हुआ यह घोटाला एकमात्र नहीं है। बल्कि इससे पहले भी यह विभाग कोरोना काल के दौरान लाखों-करोड़ों रूपए के सैनेटरी पैड एवं आंगनवड़ी स्टेशनरी रजिस्टर घोटालों को लेकर चर्चा में रह चुका है। हर बार ऊंची पहुंच, तगड़ी सैटिंग राजनीतिक संरक्षण व पैसों की ताकत के दम पर करोड़ों रूपए को घोटालों की फाईलों ठंडे बस्ते में डालकर रख दी जाती हैं, मगर इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही है, कि पठानकोट का घोटाला ऐसे घोटालों की पोल खोलने की दिखा में पहला कदम साबित होगा। ताकि दोषियों को सलाखों के पीछे भेजकर आम जनता व सरकार के साथ हो रहे इतने बड़े घोटालों से पर्दा उठ सकेगा।


यह केवल शुरूआत मात्र, बड़े स्कैंडलों का पर्दाफाश अभी बाकी – गौरव लूथरा


गौरव लूथर ने कहा कि पठानकोट में हुआ घोटाला तो केवल शुरूआत मात्र है और यह बहुत छोटा सा हिस्सा है, उन बहुत बड़े घोटालों का जो इस विभाग में पिछले कई सालों से बदस्तूर हो रहे हैं। गौरव ने कहा कि अगर सरकार इन मामलों की गहन पड़ताल करवाती है तो लाखों-करोड़ों के बहुत बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश होगा। और इसके लिए किसी स्वतंत्र जांच एजैंसी या विजीलैंस के इमानदार अधिकारियों को इसकी जांच सौंपनी चाहिए।


पूरे प्रदेश में इस विभाग के संगरूर कनैक्शन की भी गहन जांच की जानी चाहिए। इसके साथ ही विभाग की ही काली भेड़ें, जिनकी मदद से यह पूरा गोरखधंधा चल रहा है, उनकी जांच करके भी कड़ी कानूनी कारवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति ऐसा करने से पहले सौ बार ज़रूर विचार कर ले।


गौरव ने कहा कि पठानकोट में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के हर ज़िले में बनी ऐसी कमेटियों के कामकाज व इसके सदस्यों द्वारा लिए जा रहे मानभत्तों की गहन पड़ताल की जानी चाहिए, ताकि पठानकोट जैसा मामला किसी अन्य ज़िले में न दोहराया जा सके।


प्रदेश के सीएम व सरकार गलत काम करने वालों पर सख्त, मगर अधिकारी मीडिया से बात करने में करते गुरेज


एक तरफ प्रदेश के सीएम भगवंत सिंह मान बड़ी तेज़ी से एक के बाद एक कड़ा एक्शन लेते हुए साबित कर चुके हैं कि वह और उनकी सरकार किसी भी कीमत पर गलत काम को बर्दाशत नहीं करेंगे। फिर चाहे गलत काम करने वाला कोई बड़ा अधिकारी या नेता ही क्यों न हो। मगर हैरानी वाली बात है कि सरकार की पारदर्शिता वाली नीति के बावजूद कुछ अधिकारी अभी भी गलत कामों को लेकर मीडिया से बात करने में गुरेज कर रहे हैं। पठानकोट में इतने बड़े स्तर पर हुए घोटाले को लेकर जब डीसी पठानकोट व ज़िला प्रोग्राम अफसर से बात करने की कोशिश की गई, ता बार-बार फोन करने के बाद भी किसी ने बात करना मुनासिब नहीं समझा। हाट न्यूज़ इंडिया की तरफ से उनके व्हाटसएप नंबर पर पूरी शिकायतों के ब्यौरे सहित बयान के लिए लिखने पर भी किसी ने कोई जवाब देना ठीक नहीं समझा। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी न किसी स्तर पर उनको भी इस बात का ज्ञात है कि उनके ज़िले में सब कुछ सही नहीं है।


शिकायत की जांच रिपोर्ट आई है, अवलोकन करने के बाद बनती कारवाई की जाएगी – राजी पी. श्रीवास्तवा


स्पैशल चीफ सैक्रेटरी (SPECIAL CHIEF SECRETARY) सामाजिक सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग राजी प्रमोद श्रीवास्तवा (RAJI PARMOD SRIVASTAVA) से जब इस बारे में बात करने के लिए फोन किया गया, तो किसी मीटिंग में व्सतता के चलते व्हाटसएप पर संदेश दिया, कि शिकायत डीसी पठानकोट के पास भेजी गई थी। जिसकी पड़ताल रिपोर्ट डायरैक्टरेट के पास आ गई है। जल्दी ही इसका अवलोकन करने के बाद बनती कारवाई की जाएगी।