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सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामले में सब-रजिस्ट्रार-1 ने उठाया एहतियातन कदम, रिकार्ड रूम में बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर लगाई रोक ! 

PUBLISH DATE: 28-09-2024

मामले को रफा-दफा करने एवं अपने हक में रिपोर्ट करवाने के लिए लग रहा एड़ी-चोटी का ज़ोर !
एक अधिकारी पर आरोपियों की मदद करने के भी लगे गंभीर आरोप



जालंधर के सब रजिस्टार दफ्तर एक में पिछले लंबे समय से चल रही एक शिकायत जिसमें दफ्तर के ही सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया और जिसे खुद सब रजिस्टार की तरफ से डीसी के पास भेजी गई रिपोर्ट में माना गया कि उक्त रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई है, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मौजूदा सब-रजिस्ट्रार ने एहतियातन कदम उठाते हुए अपने दफ्तर में ही वेटिंग हाल के साथ बने रिकार्ड रूम के अंदर बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर पूर्ण रोक लगा दी है। इस संबधी उनकी तरफ से एक लिखित आदेश लिखकर रिकार्ड रूम के बाहर चिपका दिया गया है। इसके साथ ही रिकार्ड रूम को ताला लगाकर रखने एवं अंदर बिना किसी काम के जमावड़ा लगाकर बैठने वाले सरकारी एवं प्राईवेट करिंदों को अंदर जाने से भी मना कर दिया गया है। 



पहले जो हुआ उसे नहीं बदल सकते, मगर भविष्य में न हो इसलिए एहतियात बरतना ज़रूरी – गुरप्रीत सिंह


सब-रजिस्ट्रार-1 गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उनसे पहले जो भी हुआ है, चाहे वह गलत है या सही इसको लेकर कोई टिप्पणी करना सही नहीं होगा। मगर भविष्य में ऐसा कोई काम न हो इसके लिए एहतियात बरतना बेहद ज़रूरी है। इसी के मद्देनज़र रिकार्ड रूम के अंदर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।  




किसके दबाव में दोषियों के खिलाफ नहीं हो रही कोई कारवाई, क्या है अधिकारियों की मजबूरी ?


इस पूरे मामले में एक बहुत बड़ा सवाल जो खड़ा होता है, वह यह कि आखिर किसके दबाव में सरकारी रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कारवाई क्यों नहीं की जा रही है। आखिर अधिकारियों की ऐसी कौन सी मजबूरी है, जिसके चलते दोष साबित होने की बात तो मानी जा रही है, मगर अपनी रिपोर्ट को गोल-मोल तरीके से लिखकर दोषियों की मदद करते हुए उन्हें अपने स्तर पर ही दोषमुक्त करने जैसी गैर-कानूनी एवं अनैतिक कारवाई को अंजाम दिया जा रहा है।



सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए भी कुछ लोगों द्वारा एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता का तो यह भी आरोप है कि दोषियों को बचाने के लिए उनकी मदद एक अधिकारी ही कर रहे हैं। अब वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, यह अपने आप में हैरानीजनक है।


 



रिकार्ड की छेड़छाड़ काे लेकर क्या कहता है कानून, क्या है प्रावधान ?


सीनियर एडवोकेट राजीव कोहली ने बताया कि अगर काेई भी व्यक्ति सरकारी रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ करता है, उसमें काेई बदलाव करता है, अपने फायदे के लिए उसका इस्तेमाल करता है। ताे उस सूरत में ऐसा करने वाला और उसकी सहायता करने वाला दोनाें ही कानून की नज़र में दाेषी हैं। आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत ऐसा करने वालाें काे 10 साल तक की सज़ा हाे सकती है।