"PERSONAL CUSTOMER SERVICE" के नाम पर सरकारी "REVENUE" को लग रहा "तगड़ा रगड़ा" !
आरटीओ दफ्तर की चालान खिड़की पर भ्रष्टाचार का मोटे खेल के लग रहे गंभीर आराेप !
बिना टैक्स जमा करवाए रिलीज़ किए जा रहे दस्तावेज़, हर महीने हो रही लाखों की काली कमाई !
परिवहन विभाग (TRANSPORT DEPARTMENT) की बात आए तो पूरे प्रदेश में जालंधर के आरटीओ दफ्तर (RTO OFFICE JALANDHAR) का एक अलग ही स्थान देखने काे मिलता है। जहां एक तरफ सीनियर अधिकारी (SENIOR OFFICER) पूरी लगन के साथ आम जनता की सुविधा के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, ताे वहीं दूसरी तरफ कुछ कर्मचारी बिना किसी डर के हर राेज़ सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी रैवेन्यु (GOVERNMENT REVENUE) को तगड़ा रगड़ा लगा रहे है।
ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला आरटीओ दफ्तर जालंधर के अंदर रोज़ाना चालान भुगतने के लिए आने वाले लोगों के साथ खेले जा रहे भ्रष्टाचार (CORRUPTION) के मोटे खेल का सामने आया है। जिसमें बिना कोई जुर्माना (PENALTY) सरकारी खज़ाने में जमा किए ही लोगों के चालान अंदरखाते भुगतकर उनके दस्तावेज़ जैसे कि आरसी-लाईसैंस (RC-LIECENCE) लौटाए जा रहे हैं। इस पूरे खेल में तहसील के अंदर से आपरेट (OPERATE) करने वाले कुछ बड़े एजैंट (AGENTS) व चालान खिड़की पर बैठने वाली एक महिली कर्मचारी जो कि ट्रांसपाेर्ट साेसाईटी (TRANSPORT SOCIETY) के द्वारा यहां नियुक्त की गई है, उनके ऊपर एक साथ मिलकर इस काम को चलाने के बेहद गंभीर आरोप (SERIOUS ALLEGATIONS) लग रहे हैं।
क्या है मामला, कैसे आया सामने ?
वैसे तो लंबे समय से पूरे आरटीओ दफ्तर में इस बात को लेकर चर्चा जारी थी, कि चालान के जुर्माने में भारी झोल किया जा रहा है और हर महीने लाखों रूपए की काली कमाई की जा रही है। मगर बिना सबूत (PROOF) कोई बात करना सही नहीं होता। इसीलिए सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक ऐसा ही चालान सामने आया, जिसमें बिना जुर्माने की रसीद (RECEIPT) वाहन मालिक (VEHICLE OWNER) को दिए उसका 7 हज़ार वाला चालान अंदरखाते भुगत दिया जाता है और उसकी आरसी वापिस कर दी जाती है।
हाट न्यूज़ इंडिया (HOT NEWS INDIA) के पास इस संबधी पुख्ता सबूत है, जिसमें वाहन मालिक ने खुद स्वीकार किया है कि वह पहले चालान वाली खिड़की पर गया था, जहां उसे 7 हज़ार रूपए जुर्माना जमा करवाने के लिए कहा गया था। मगर वहीं उसे एक एजैंट मिला, जिसने कहा कि वह उसकी आरसी दिलवा सकता है और पैसे भी कम देने होंगे, मगर जुर्माने की रसीद नहीं मिलेगी। जिसके बाद उसने 5 हज़ार नगद देकर आरसी प्राप्त कर ली थी।
बिना रसीद चालान भुगतने से फायदे की जगह हाेता है बड़ा नुक्सान
आम जनता को लगता है कि जुर्माने की राशी आधी या कुछ कम जमा करवाने से अगर उनकी आरसी या लाईसैंस वापिस मिल जाता है तो ऐसे में जुर्माना राशी की रसीद न भी मिले तो कोई फर्क नहीं पड़ता। मगर असलीयत में खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हुए फायदे की जगह बड़ा नुक्सान करवा रहे होते हैं। क्योंकि इस तरह से अंदरखाते बिना जुर्माने के दस्तावेज़ वापिस लेते समय संबिधत कर्मचारी आनलाईन (ONLINE) चालान भुगते जाने की एंट्री (ENTRY) नहीं डालते। जिससे भविष्य (FUTURE) में वाहन को बेचते समय या किसी अन्य के नाम पर ट्रांसफर (TRANSFER) करवाते समय एक बार फिर से पूरी जुर्माना राशी जमा करवाए बिना वाहन की ट्रांसफर करवाना संभव नहीं होता।
हमारे पास कोई गलत काम नहीं होता, कई बार चालान अदालत के पास चले जाते हैं, मगर बिना रसीद आरसी नहीं लौटाई जा सकती - चालान खिड़की पर बैठने वाली महिला कर्मचारी
चालान खिड़की पर बैठने वाली महिला कर्मचारी से जब इस बारे में बात की गई ताे उन्हाेंने कहा कि उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है और न ही उनके पास काेई गलत काम होता है। मगर कई बार चालान के जुर्माने की राशी अधिक होने पर उसे माननीय अदालत (HONOURABLE COURT) के पास भेज दिया जाता है। मगर बिना जुर्माना जमा किए आरसी वापिस नहीं लौटाई जा सकती। जब हमने उनसे एक खास चालान के बारे में पूछा ताे उन्हाेंने कहा कि वह उसकी जांच के बाद ही कुछ बता सकती है। जिसके चलते उनके व्हाटसएप नंबर (WHATSAPP NUMBER) पर उक्त चालान की कापी सवालों सहित भेजी गई है, जिसका जवाब फिल्हाल नहीं आया है।
मेरे ध्यान में नहीं है मामला, शिकायत आने पर होगी जांच, दोषियों पर की जाएगी बनती कारवाई - आरटीओ
आरटीओ कम एसडीएम-2 (RTO CUM SDM-2) बलबीर राज सिंह को जब इस मामले के सारे सबूत भेजकर उनसे बात की गई ताे उन्हाेंने कहा कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं है। अगर कोई शिकायत आती है ताे उसकी जांच करवाई जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है ताे उसके खिलाफ बनती कानूनी कारवाई की जाएगी।
देखिये चालान की कापी, जिसको लेकर खड़े हुए गंभीर सवाल
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