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जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में "अंधेर नगरी चौपट राजा" जैसे बने हालात !

PUBLISH DATE: 04-07-2024

अधिकारी साे रहे 'कुंभकर्णी नींद', सरकारी रैवेन्यु काे लग रहा चूना !


 


JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST SCHEME PLOTS & SCO CLUBBING SCAM PUNJAB NEWS ......    जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट (JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST) जिसकी स्थापना जालंधर शहर (JALANDHAR CITY) के विकास (DEVELOPMENT) काे मुख्य रखते हुए की गई थी, वह पहले दिन से ही विवादों (SCANDALS) के साथ घिरा हुआ दिखाई दे रहा है।


आम जनता जिन्होंने सरकारी स्कीमाें (GOVERNMENT SCHEMES) पर आंखे बंद करके विश्वास किया और अपनी गाढ़े खून-पसीने की कमाई इन स्कीमाें में इस उम्मीद के साथ लगाई कि उनका आने वाले समय (भविष्य - FUTURE) न केवल सुरक्षित (SAFE) हाेगा बल्कि स्वर्णिम हाे जाएगा। मगर उनकी उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत ट्रस्ट (TRUST) के कुछ लालची किस्म (GREEDY TYPE) के अधिकारियों (OFFICERS) एवं कर्मचारियाें (EMPLOYEES) की वजह से न केवल उनके सपने ही टूट गए बल्कि उनका जीवन जीते-जी एक नर्क (HELL) के समान हाे गया।


वैसे ताे जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट (JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST) की चर्चाएं और यहां हाेने वाले भ्रष्टाचार (CORRUPTION) के किस्से अक्सर सुनाई देते रहते हैं। मगर मौजूदा हालात ताे बद से भी बदतर बन चुके हैं। आम जनता (COMMON PEOPLE) काे हाेने वाली परेशानियाें को एक बार दरकिनार कर भी दिया जाए, ताे सरकारी रैवेन्यु (GOVERNMENT REVENUE) काे चूना लगाने में भी अधिकारी व कर्मचारी काेई कसर बाकी नहीं छाेड़ रहे हैं। इन हालाताें काे देखते हुए एक बहुत पुरानी कहावत यहां बिल्कुल सटीक फिट हाेती दिखाई देती है कि "अंधेर नगरी चौपट राजा"। 


स्कीम एरिये में प्लाट व एससीओ की क्लबिंग काे लेकर हाे रही बड़े स्तर पर धांधली


जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में फाईलें गुम हाेने का मामला हाे, या फिर 500 कराेड़ से ऊपर घपले (SCANDAL) की शिकायत का मामला हाे, यहां हाेने वाली धांधलियाें की काेई सीमा ही नहीं है। नीचे से लेकर ऊपर तक हर काेई केवल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ती करते हुए ही दिखाई दे रहा है। अगर बात करें स्कीम एरिये में प्लाट (PLOTS) एवं एससीओ (SCO) की क्लबिंग (CLUBBING) के नियमाें की, ताे उनकी सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए हर कायदे-कानून काे ठेंगे दिखाते हुए अपनी जेबें भरने का काम किया जा रहा है।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूर्या एन्कलेव (SURYA ENCLAVE) व सूर्या एन्कलेव एक्सटैंशन (SURYA ENCLAVE EXTENSION) के अंदर बड़ी गिनती में ऐसे प्लाट हैं, जहां इस नियम काे सरेआम अनदेखा करते हुए कानून के विपरीत क्लबिंग की जा चुकी है या फिर की जा रही है। बड़ी हैरानी वाली बात है कि सरकार व जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के अधिकारी इस बात काे लेकर बिल्कुल ही अनजान हैं या फिर जानबूझकर कुंभकर्णी नींद साे रहे हैं।


क्या हैं स्कीम एरिये में प्लाट एवं एससीओ की क्लबिंग को लेकर सरकारी नियम व कानून ?



 



 


 


जांच के बाद हाे सकती है करोड़ाें के रैवेन्यु की रिकवरी !


अगर ट्रस्ट या फिर सरकार के उच्च-अधिरकारी इस पूरे मामले की गहन जांच-पड़ताल की जाए, ताे जिन लाेगाें ने सरकारी नियमाें की विपरीत जाकर अपने प्लाटों की क्लबिंग की है उनसे जुर्माने के तौर पर कराेड़ों रूपए के सरकारी रैवेन्यु की रिकवरी की जा सकती है। और इस राशी का इस्तेमाल जालंधर में आम जनता के लिए कई विकास स्कीमाें में किया जा सकता है। इसके साथ ही उक्त राशी से जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के पुराने बकाया का भुगतान करके मौजूदा समय के अंदर माननीय अदालताें में चल रहे कई केसाें काे भी खत्म किया जा सकता है।


सरकारी रैवेन्यु की जगह अधिकारियाें की काली कमाई में हुई वृद्वि


सूत्रों की मानें ताे क्लबिंग के नियमाें को अनदेखा करते हुए सरकारी रैवेन्यु काे ताे चूना लगाया ही गया, मगर साथ ही साथ करप्ट अधिकारियाें की काली कमाई में काफी वृद्वि हाेती हुई देखी जा सकती है। अगर इन भ्रष्ट अधिकारियाें व कर्मचारियाें के माेबाईल नंबराें की काल डिटेल एवं व्हाटसएप की जांच करवाने के साथ-साथ आयकर विभाग द्वारा इनकी नामी व बेनामी संपत्तियों की जांच की जाए ताे आय से अधिक कमाई करने के कई मामले उजागर हाे सकते हैं।


 


इस संबधी जब जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के ईओ जतिंदर सिंह के साथ बात करने की कोशिश की गई ताे उनका मोबाईल फाेन बंद आया, जिससे उनसे बात ही नहीं हो सकी। इसके इलावा ट्रस्ट के चेयरमैन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ मीडिया के सामने बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने वाले चेयरमैन ने पूर्व की भांती न ताे फाेन उठाया और न ही जनता के लिए अपना पक्ष देना ठीक समझा।


जैसे ही जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के किसी भी अधिकारी से इस संबधी बात हाेगी, उनका पक्ष आपके सामने यथावत प्रस्तुत किया जाएगा।