बढ़ सकती हैं सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें, हाईकोर्ट में याचिका हुई दायर !
खर्चे की सही हिसाब न देने के लगे गंभीर आराेप, निर्वाचन रद्द करने की भी रखी मांग !
MP CHARANJIT SINGH CHANNI CONRESS PARTY PARLIAMENT ELECTIONS PUNJAB & HARYANA HIGH COURT PETITION FILED GAURAV LUTHRA POLITICAL NEWS .... कांग्रेसी सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की लाेकसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है क्याेंकि जालंधर के एक समाजसेवी एवं आरटीआई एक्टिविस्ट गौरव लूथरा की तरफ से माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकाेर्ट में एक याचिका दायर करते हुए सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के ऊपर बेहद गंभीर आराेप लगाए गए हैं और उनका निर्वाचन जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत रद्द करने की मांग भी की है।
उक्त याचिका काे माननीय अदालत द्वारा स्वीकार करते हुए चुनाव आयाेग एवं सांसद चरणजीत सिंह चन्नी काे 12 अगस्त, 2024 काे अपना जवाब दायर करने संबधी नाेटिस जारी किया है। यहां बताने लायक है कि इससे पूर्व गौरव लूथरा की तरफ से जालंधर के डीसी कम ज़िला चुनाव अफसर के पास एक लिखित शिकायत भेजकर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के ऊपर अपने चुनावी खर्चाें का सही हिसाब न देने के आराेप लगाए थे।
इस संबधी सबसे पहले हाट न्यूज़ इंडिया की तरफ से बड़ी प्रमुखता से एक खबर प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद जालंधर के डीसी ने हाट न्यूज़ इंडिया को दी जानकारी में कहा था, कि गौरव लूथरा की शिकायत फाईल कर दी गई है क्योंकि उसमें काेई खास बात सामने नहीं आई थी। इसके उपरांत ही गौरव लूथरा ने डीसी के फैसले पर असहमति जताते हुए माननीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाना उचित समझा।
क्या है मामला, क्यों दायर की गई याचिका ?
याचिका दायर करने वाले गौरव लूथरा का कहना है कि जालंधर लाेकसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ने व जीत प्राप्त करने वाले चरणजीत सिंह चन्नी ने अपना नामांकन-पत्र दाखिल करते समय भी कई बातें छिपाई इसके साथ ही चुनाव के दौरान भारतीय चुनाव आयाेग की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने खर्चाें काे न केवल कम दिखाया बल्कि बहुत से खर्चे ताे दर्ज ही नहीं किए।
गौरव का कहना है कि रामामंडी में आयाेजित की गई एक रैली का हिसाब ही चुनाव खर्च रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया। इतना ही नहीं हर राेज़ हाेने वाली जमसभाओं की गिनती अधिक हाेने के बावजूद पूरी जानकारी चुनाव आयाेग काे नहीं दी गई। इतना ही नहीं होटल के एक कमरे में 24 घंटे खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी, जिसका ब्यौरा खर्च रजिस्टर में दर्ज ही नहीं किया गया। इसके साथ ही चुनाव वाले दिन स्थापित किए गए पाेलिंग बूथाें पर वोटिंग स्लिप बांटने संबधी भी पूरी जानकारी नहीं दी गई। इतना ही नहीं प्रचार के दौरान किसी भी वाहन के खर्चे का हिसाब नहीं दिया गया।
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