Punjab और Haryana के दो लाख युवा America में अवैध, डोंकी लगाकर गए थे USA
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी बार ताजपोशी के बाद उनके प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले ने पंजाब और हरियाणा के लाखों युवाओं के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला है। करीब दो लाख युवा, जो अवैध तरीके से अमेरिका में शरण के लिए प्रयासरत हैं, अब संकट में हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वे इन अप्रवासियों को अमेरिका से निकालने की योजना पर अमल करेंगे और साथ ही 3100 किलोमीटर लंबे मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर सेना तैनात करने का भी एलान किया है।
पंजाब और हरियाणा के युवक ज्यादातर लोग अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हैं। अमेरिका में बसे पंजाबी एटार्नी जसप्रीत सिंह का कहना है कि ये युवा अब बेहद खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। यहाँ तक कि सरकार ने शरणार्थी एप्लिकेशन की प्रक्रिया को भी बंद कर दिया है, जिससे 30,000 आवेदन अब तक लंबित पड़े हैं।
अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में अवैध प्रवासियों की संख्या 8097 थी, जो 2022-23 में बढ़कर 96,917 हो गई और 2023-24 में यह आंकड़ा सवा लाख के करीब पहुंच गया है। खासकर हरियाणा और पंजाब के क्षेत्रों से अधिकतर युवा अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मामलों में तेजी आई है, जिसमें जालंधर के एक एजेंट ने मानव तस्करी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
इन युवाओं को अमेरिका पहुंचाने की प्रक्रिया में एजेंट पहले उन्हें दुबई भेजते हैं, फिर उनको कजाकिस्तान के अल्माटी ले जाते हैं। वहां से वे तुर्की होते हुए पनामा सिटी, फिर साल्वाडोर और उत्तरी ग्वाटेमाला की तरफ जाते हैं और अंततः अमेरिका में प्रवेश करते हैं।
शाहकोट के एक युवक ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए उससे 45 लाख रुपये लिए गए। अमेरिका के सीमा पार करते ही ये लोग खुद को पकड़वाने का इंतजार करते हैं। कस्टम अधिकारी पहुंचे तो वे अपनी दुखभरी कहानी सुनाते हैं और शरण की मांग करते हैं। अमेरिका के कानून के अनुसार, शरण मांगने वाले व्यक्ति को अपने मामले की सुनवाई का अवसर मिलता है, लेकिन इसमें कई साल लग सकते हैं।
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