पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर भड़के पंजाब नेता, केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को तोपगाड़ी में लेकर पहुंचा गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। उनके परिवार से उनकी तीन बेटियों उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह। उनकी बड़ी बेटी ने डॉ. मनमोहन सिंह को मुखाग्नि दी।
लेकिन इसी बीच, पंजाब के सिख नेताओं ने उनके अंतिम संस्कार स्थल और स्मारक को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सिख समुदाय के साथ भेदभाव कर रही है। सिख नेताओं का कहना है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सामान्य श्मशानघाट पर करने की बजाय राजघाट पर होना चाहिए था, जो कि पुरानी परंपरा का हिस्सा है।
सुखबीर बादल, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री, ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि परिवार ने पूर्व पीएम के लिए ऐतिहासिक और उपयुक्त स्मारक बनाने की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उनका अंतिम संस्कार राजघाट में होना चाहिए था। सुखबीर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस निंदनीय फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीतिक मतभेद अलग बात हैं, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह पूरे राष्ट्र के नेता थे और उनके प्रति इस तरह का अनादर गलत है।
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