06:45 Thu, Sep 19, 2024 IST
jalandhar
polution 66 aqi
29℃
translate:
Thu, Sep 19, 2024 11.26AM
jalandhar
translate:

इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में कामकाज हुआ ठप्प, कर्मचारियों ने की हड़ताल !

PUBLISH DATE: 16-09-2024

पिछले कुछ दिनाें से न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ जालंधर कमिशनरेट पुलिस द्वारा एक ही दिन मिति 20-07-2024 काे एक साथ जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ काटी गई  2 एफआईआर का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बल्कि यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है।


मामले में लगातार नए पहलु सामने आ रहे हैं, कई नए-नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं, कई लोग इस मामले के साथ जुड़ते जा रहे हैं। अब जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने चेयरमैन जगतार सिंह सघेड़ा के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए पूरे दफ्तर का कामकाज पूर्ण रूप से ठप्प कर दिया है।


सुबह दफ्तर खुलते ही ट्रस्ट अधिकारी व कर्मचारी दफ्तरों के बाहर दरियां बिछाकर बैठ गए एवं चेयरमैन के खिलाफ रोष-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस अवसर पर रोष-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना था, कि चेयरमैन जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट एक राजनीतिक पाेस्ट है और मौजूदा चेयरमैन काेई सरकारी व्यक्ति न हाेकर केवल एक राजनेता हैं। उनके पास जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के रूटीन कामकाज काे करने के लिए किसी प्रकार की काेई एडमनिस्ट्रेटिव पावर तक नहीं है। वह खुद निजी तौर पर किसी भी सरकारी मुलाज़िम जिसमें एक ईओ के स्तर का अधिकारी भी शामिल है, उसके खिलाफ पर्चे की सिफारिश करने के लिए पत्र जारी ही नहीं कर सकते। 


क्याेंकि नियमानुसार किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के खिफाल अगर काेई शिकायत आती है, ताे उसकी डिपार्टमैंट की तरफ से इंक्वायरी की जाती है। और ईओ वाले मामले में ताे पहले से ही हैडआफिस में इंक्वायरी चल रही है। एक ही समय में दाे जगह इंक्वायरी नहीं चल सकती। और बतौर चेयरमैन जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट वह अधिक से अधिक यह कर सकते हैं, कि डिपार्टमैंट काे एक पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियाें व कर्मचारियाें के खिलाफ इंक्वायरी करने संबधी कह सकते हैं। जबकि इस मामले में उन्हाेंने पुलिस प्रशासन से असलीयत छिपाते हुए सीधा यह साबित करने का प्रयास किया है कि उनके पास एडमनिस्ट्रेटिव पावर है और वह बिना किसी जांच-पड़ताल के सीधा ही सरकारी अधिकारियाें व कर्मचारियाें के खिलाफ पर्चे की सिफारिश कर सकते हैं।


ट्रस्ट अधिकारियों की एसोसिएशन ने एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को पत्र लिखकर चेयरमैन के कदम पर जताई थी आपत्ती


यहां यह भी बताने लायक है कि जिस दिन से एफआईआर की बात सार्वजनिक हुई है, उसी दिन से यह कहा जा रहा है, कि चेयरमैन के पास सीधा एफआईआर करवाने का अधिकार ही नहीं है। कुछ ऐसा ही प्रदेश के सभी ट्रस्ट, ईओ अफसरों की एसोसिएशन की तरफ से प्रधान सुरिंदर कुमारी द्वारा एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को एक पत्र लिखकर कहा था, कि जो भी एफआईआर चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा के बयानों पर दर्ज किए गए हैं, उस संबधी मिति 18-07-2024 को एक दरखास्त सीपी जालंधर को लिखी जाती है, और मिति 20-07-2024 को उक्त दरखास्त पर बिना किसी इंक्वायरी (तफ्तीश( किए पर्चे दर्ज कर लिए जाते हैं।


यह मामला केवल चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा के कहने पर ही दर्ज किए गए हैं, जबकि नियमानुसार चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा को अपना पत्र पंजाब सरकार को इस मामले में की गई धोखा-धड़ी और जालसाजी के बारे में सबूत सहित सूचना हेतु भेजा जाना बनता था। और सरकार द्वारा ही इस मामले के संबंध में कोई भी आदेश या इंक्वायरी की जानी बनती थी। मगर सीधे तौर पर ही चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा द्वारा उक्त पर्चे दर्ज करवा दिए गए, जो चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर के अधिकार क्षेत्र में है ही नहीं।


इसीलिए उन्होंने मांग रखी है, कि उक्त पर्चों को रद्द करवाया जाए। सरकार के स्तर पर जांच करवाई जाए और अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उसके ऊपर सरकार के स्तर पर करवाई जाए।