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"लौट के बुद्दू घर को आएंगे" - एक बार फिर से ट्रैक संभाल सकती है स्मार्ट चिप कंपनी !

PUBLISH DATE: 10-01-2025

नई कंपनी ने अभी तक नहीं शुरू किया कामकाज, जनता झेल रही परेशानी, कई दिनों से पूरे प्रदेश में पूर्ण रूप से बंद पड़े हैं ट्रैक


 


 



 


परिवहन विभाग की लीला बड़ी अजब-गजब है, यहां कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। कुछ दिन पहले माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशानुसार विभाग द्वारा पिछले कई सालों से पंजाब के सभी आटोमैटिड ड्राईविंग टैस्ट ट्रैक पर ड्राईविंग लाईसैंस के साथ संबंधित कामकाज देखने वाली निजी कंपनी स्मार्ट चिप का ठेका खत्म करते हुए उन्हें कामकाज बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही उनकी जगह दूसरी निजी कंपनी ऐमटैक को यह ठेका देते हुए जल्द से जल्द काम शुरू करने के लिए कहा गया था।


मगर एक बार फिर से पुरानी निजी कंपनी स्मार्ट चिप को दोबारा कुछ समय के लिए ठेका दिए जाने की चर्चा ने काफी ज़ोर पकड़ लिया है। हालांकि कोई भी अधिकारी कुछ भी आधिकारिक तौर पर बताने के लिए तैयार नहीं है। मगर सूत्रों का कहना है कि एमटैक कंपनी ने काम करने से इंकार कर दिया है। और उनकी तरफ से कहा गया है कि वह स्टाफ उपलब्ध नहीं करवा सकते। जिस वजह से परिवहन विभाग के पास एक बार फिर से स्मार्ट चिप कंपनी का दामन पकड़ने के सिवाय फिल्हाल कोई और चारा बचा दिखाई नहीं दे रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माननीय अदालत से इजाजत लेकर 6 महीने के लिए स्मार्ट चिप को दोबारा से अस्थाई तौर पर ठेका देकर सभी सेवाएं बहाल करवाई जा सकती हैं। 


क्या है मामला, क्यों बंद पड़े हैं ट्रैक, जनता कैसे झेल रही है परेशानी ?


पिछले 15 दिनों से अधिक समय से प्रदेश के सभी ट्रैक बंद पड़े हुए हैं और आम जनता को इस वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि कुछ दिन पहले जालंधर, होशियारपुर, फिरोेज़पुर आदि कुछ जगह जनता की परेशानी कम करने के उद्देश्य से कुछ सेवाएं शुरू ज़रूर कर दी गई हैं। मगर आज भी बहुत सेवाएं ऐसी हैं, जिनके शुरू न होने की वजह से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। 


बहुत से लोग जिनका लर्निंग लाईसैंस बनाने के लिए आवेदन सरकार के पास जमा है और ट्रैक पर काम बंद होने की वजह से उनका लाईसैंस एक्सपायर हो चुका है, उनके लिए काफी परेशानी हो चुकी है। क्योंकि वह एक बार दोबारा से फीस जमा करवाएंगे और पूरी प्रकिया दोबारा से करनी होगी। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने विदेश जाना था और उनकी टिकट बुक थी, उन्हें वहां जाने से पहले अपना लाईसैंस आवेदन देना था, मगर अब जब तक वह वहां से टिकट खरीदकर दोबारा भारत नहीं आते,  उनका लाईसैंस आवेदन जमा नहीं हो सकता। 


 



 


जालंधर में सोमवार से शुरू हो सकता है ट्रैक, आरटीओ ने की वैकल्पिक व्यवस्था


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जालंधर का ट्रैक जहां दोपहिया व चौपहिया वाहनों के पक्के लाईसैंस टैस्ट का काम पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है, उसे चालू करने के लिए आरटीओ ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। जिसके तहत फिल्लौर ट्रैक से कुछ स्टाफ यहां बुलाया गया है, जो सोमवार को यहां काम शुरू कर सकते हैं।


स्मार्ट चिप कंपनी के मुलाज़िमों के चेहरे की गुम हुई रौनक एक बार से वापिस आने लगी


स्मार्ट चिप कंपनी के ठेका आधारित मुलाज़िम जिन्हें कुछ दिन पहले नौकरी से निकाल दिया गया था, जैसे ही आज उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि शायद एक बार से स्मार्ट चिप कंपनी के पास काम आ सकता है, उनके चेहरों की गुम हुई रौनक एक बार फिर से वापिस लौटती दिखाई देने लगी। दरअसल बहुत से कर्मचारियों की आत्मा ट्रैक पर ही बसती है। इसके पीछे कारण है, यहां होने वाली ऊपरी कमाई। मामूली सैलरी पर लगज़री कार, महंगे स्मार्ट फोन, लाखों-करोड़ों की जायदाद बनाने वाले कर्मचारियों के खर्चे इतने बड़ चुके हैं, कि सिवाय ट्रैक के काम करने के इलावा वह कहीं और काम कर ही नहीं सकते हैं। ऐसे में यह कहना गल्त नहीं होगा कि अगर एक बार फिर से, चाहे 6 महीने के लिए ही सही, इनके हाथों में काम की बागडोर आती है, ताे इस बार करप्शन अपनी चरम सीमा ज़रूर प्राप्त करेगा। क्योंकि इन्हें भी पता है कि यही समय है अपने जीवन को खुश्हाल बनाने के लिए ऊपरी कमाई करके अमीर होने का। इसलिए अधिकारियों को भी इनके ऊपर पैनी निगाह बनाकर रखनी होगी, वर्ना एक बार फिर से हैवी लाईसैंस स्कैंडल, जाली लाईसैंस स्कैंडल आदि जैसे बड़े स्कैंडल सामने आ सकते हैं।