सब-रजिस्ट्रार-1 जालंधर दफ्तर में आज एक भी दस्तावेज नहीं हुआ रजिस्टर्ड !
अधिकारी ने ली छुट्टी, जनता हुई परेशान, सरकारी कामकाज हुआ पूर्ण ठप्प
प्रशासन की तरफ से नहीं की गई कोई वैकल्पिक व्यवस्था, तरह-तरह की चर्चाओं का बाज़ार हुआ गर्म
जालंधर तहसील में पुराने सुविधा सैंटर के ठीक सामने बनी सब-रजिस्ट्रार दफ्तर एवं पटवारखाना बिल्डिंग में स्थित सब-रजिस्ट्रार-1 जालंधर दफ्तर में आज एक भी दस्तावेज रजिस्टर्ड नहीं हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार सब-रजिस्ट्रार मनिंदर सिंह सिद्दू अपने किसी काम से बाहर गए हुए थे, और उनकी तरफ से छुट्टी भी ली गई थी। जिस वजह से सब-रजिस्ट्रार-1 जालंधर दफ्तर के साथ संबधित काेई भी दस्तावेज़ रजिस्टर्ड नहीं हाे सका। सुबह से ही जहां अक्सर लाेगाें की काफी भीड़ देखने को मिलती थी, वहां आज ऐसा माहौल देखने काे मिला मानो काेई सरकारी छुट्टी वाला दिन हाे।
सूत्रों की मानें ताे सुबह ही तहसील में काम करने वाले सभी वसीका नवीसाें, वकीलाें व प्राईवेट करिंदाें काे इस बात की सूचना प्रदान कर दी गई, कि आज आप अपने किसी भी ग्राहक काे न लेकर आना क्योंकि साहिब नहीं आएंगे और न ही काेई काम हाेगा।
इस प्रकार से अचानक अधिकारी के छुट्टी पर जाने की वजह से बड़ी गिनती में आम जनता काे परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज इलाकाें से अपने-अपने दस्तावेज़ रजिस्टर करवाने के लिए आए लाेगाें के मायूसी ही हाथ लगी। कुछ लाेग ऐसे भी थे, जाे बाहर से आए थे,और कुछ ऐसे भी थे, जिनकी फ्लाईट या ट्रेन की टिकट बुक थी, मगर मजबूरीवश उन्हें कैंसिल करवानी पड़ी। कुछ लाेगाें के बयानाें की आखिरी तारीख थी, जिसे आगे बढ़वाना पड़ा। कुछ लाेागें ने बैंक से लाेन लेकर प्रापर्टी खरीदी थी और बैंक से अधिकारियाें ने तहसील में आकर उनके दस्तावेज़ रजिस्टर करवाने थे, मगर सब-रजिस्ट्रार-1 के छुट्टी पर जाने की वजह से उन्हें वापिस लौटना पड़ा।
जबकि दूसरी तरफ सब-रजिस्ट्रार-2 जालंधर दफ्तर में सब-रजिस्ट्रार राम चंद बांगड़ ने सुबह से लेकर शाम तक अपना कामकाज रूटीन की भांती पूरा किया।
इस पूरे मामले में सबसे अधिक हैरानी वाली बात देखने काे मिली, कि ज़िला प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी। जबकि इससे पहले जब भी ऐसी स्थिति बनती थी, ताे ऐसी सूरत में डीसी के आदेशानुसार सब-रजिस्ट्रार-1 की अनुपस्थिति में सब-रजिस्ट्रार-2 की ड्यूटी लगाई जाती थी, ताकि आम जनता का काम न रूक सके। मगर वीरवार काे जहां आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ी, वहीं दूसरी तरफ बिना किसी बात के सरकारी कामकाज भी ठप्प रहा, जिसे किसी भी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता।
मुझे इस संबधी जानकारी नहीं मिली, वर्ना वैकल्पिक व्यवस्था ज़रूर की जाती - डीसी
डीसी जालंधर हिमांशु अग्रवाल से जब इस संबधी बात की गई ताे उन्हाेंने कहा कि उनके पास इस संबधी काेई जानकारी नहीं आई। वर्ना वह हर हाल में काेई न काेई वैकल्पिक व्यवस्था करते, ताकि आम जनता काे काेई परेशानी न झेलनी पड़ती। उन्हाेंने कहा कि वह अपने अधिकारियाें से इस बारे में जवाब-तलबी करेंगे कि ऐसा क्याें हुआ।
किसी अधिकारी ने डीसी काे जानकारी देने की ज़रूरत नहीं समझी ?
इस पूरे मामले में एक और हैरान करने वाली बात सामने आ रही है, कि सब-रजिस्ट्रार-1 मनिंदर सिंह सिद्दू अपने किसी निजी काम से बाहर गए थे, और इस संबधी उनकी तरफ से नियमानुसार पहले ही किसी न किसी सीनियर अधिकारी काे सूचना देना अनिवार्य हाेता है। ऐसे में अगर उन्हाेंने सूचना दी थी, ताे इस बात की जानकारी डीसी काे क्याें नहीं दी गई ? और अगर पहले ही पता था कि सब-रजिस्ट्रार-1 वीरवार काे नहीं हाेंगे ताे काेई न कोई वैकल्पिक वयवस्था क्यों नहीं की गई ?
इस पूरे प्रकरण में कहीं न कहीं अधिकारियाें की लापरवाही सामने आती है। इससे पहले भी माननीय अदालत द्वारा डीसी की सरकारी गाड़ी व अन्य सामान काे अटैच करने के मामले में भी अधिकारियाें की नालायकी व लापरवाही ही सामने आई थी। और अगर ऐसा ही चलता रहा ताे आप सरकार द्वारा आम जनता के कामकाज काे सुचारू ढंग से चलाने के सभी दावे फेल होते हुए दिखाई देंगे।
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