"औरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत"- आरटीओ दफ्तर के हालात हुए बद से बदतर !
दूसरों के यह काटते चालान, इनको कौन लगाएगा जुर्माना, नियमों का सरेआम कर रहे उल्लंघन
"औरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत" - यह कहावत आरटीओ दफ्तर (RTO OFFICE JALANDHAR) जालंधर के ऊपर बिल्कुल सटीक साबित होती दिखाई दे रही है। यहां हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं, कि अधिकारी जिनके ऊपर कानून की पालना सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी है, वह खुद ही कानून तोड़ने का काम कर रहे हैं। आरटीओ दफ्तर के अधीन जहां लाईसैंस (LIECENCE) व आरसी (RC) के साथ संबिधत सारा कामकाज आता है, वहीं यातायात नियमों का पालन न करने पर चालान काटने का काम भी इनके अधीन ही आता है। चालान काटने काम आमतौर पर आरटीओ (RTO) एवं एआरटीओ (ARTO) द्वारा किया जाता है। वर्तमान समय में यातायात कानून काफी सख्त हो चुके हैं और कानून तोड़ने पर काफी मोची राशी का चालान किया जाता है।
ऐसे में आम जनता के मन में यह सवाल आना गलत नहीं है कि उनका हज़ारों से लाखों का चालान काटने वाले अधिकारी खुद भी नियमों का सही ढंग से पालन करें अन्यथा वह आम जनता को भी कानून तोड़ने पर रियायत प्रदान करें। हाट न्यूज़ इंडिया की टीम ने ग्राऊंड रिएलटी चैक करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग की एम-परिवहान एप्प पर जाकर जब आरटीओ की सरकारी गाड़ी, एआरटीओ की निजी गाड़ी एवं उनके गनमैन कम ड्राईवर की निजी गाड़ी का डाटा चैक (DATA CHECK) किया तो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। क्योंकि सरकारी साफ्टवेयर द्वारा दर्शाए गए आंकड़े काफी परेशान करने वाले देखने को मिले। जो हम आपके साथ सांझा भी कर रहे हैं।
RTO की सरकारी सफेद INNOVA गाड़ी नं PB 11 BU 6837
इसका एमपरिवाहन (M-PARIVAHAN) पर अगर आनलाईन डाटा चैक किया जाए, तो आप देखेंगे कि इस गाड़ी (CAR) को 10 दिसंबर 2015 को रजिस्टर्ड किया गया था, जिसकी फिटनैस 9 दिसंबर, 2030 तक एवं टैक्स भी 9 दिसंबर, 2030 तक वैलिड है। इस गाड़ी का पौल्यूशन 29 मार्च, 2025 तक वैलिड (VALID) है। जबकि इसकी इंशोरैंस 01 फरवरी, 2016 के बाद करवाई ही नहीं गई। और तब से लेकर आज तक यह सरकारी गाड़ी प्रदेश की सड़कों पर बिना इंशोरैंस करवाए ही घूम रही है। इंशोरैंस न करवाने का चालान 2 से 5 हज़ार रूपए तक होता है।
वैसे कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सरकारी गाड़ियों को इंशोरैंस माफ होती है। और अगर ऐसा है ताे उस सूरत में एम-परिवाहन पर भी इस बात की जानकारी दर्शाई जानी चाहिए, ताकि किसी प्रकार का असमंजस न रहे।
M-PARIVAHAN पर अपडेट डाटा
यहां बताने लायक है कि पूर्व में इस गाड़ी को लेकर तत्कालीन अधिकारी चंढीगड़ (CHANDIGARH) मीटिंगों में भी जाते रहे हैं। और केवल सरकारी तख्ती लगी होने एवं गनमैन (GUNMAN) साथ होने की वजह से इस गाड़ी की कभी चैकिंग ही नहीं की गई।
ARTO की निजी सफेद रंग की HYUNDAI I-20 कार नं PB 11 BT 0716
इसका M-PARIVAHAN पर अगर आनलाईन डाटा (ONLINE DATA) चैक (CHECK) किया जाए, तो आप देखेंगे कि इस गाड़ी को 10 जून, 2015 को रजिस्टर्ड (REGISTERED) किया गया था, जिसकी फिटनैस (FITNESS) 9 जून, 2030 तक एवं इसकी इंशोरैंस (INSURANCE) 24 मई, 2025 तक वैलिड है। जबकि इस गाड़ी का टैक्स 27 नवंबर, 2020 के बाद जमा या अपडेट (UPDATE) नहीं करवाया गया दिखा रहा है (इसमें साफ्टवेर - SOFTWARE की खराबी भी हो सकती है)। इस गाड़ी का पौल्यूशन (POLLUTION) 18 जनवरी, 2023 के बाद करवाया ही नहीं गया है।
M-PARIVAHAN पर अपडेट डाटा
और तब से लेकर आज तक यह सरकारी अधिकारी की निजी गाड़ी प्रदेश की सड़कों पर बिना पाल्यूशन करवाए ही घूम रही है। यहां बताने लायक है कि पाल्यूशन न होने की सूरत में गाड़ी का 5 हज़ार रूपए का चालान किया जाता है।
एआरटीओ के सरकारी ड्राईवर की लाल रंग की इनोवा गाड़ी नं पीबी 09 जी 2761
इसका एमपरिवाहन (M-PARIVAHAN) पर अगर आनलाईन डाटा चैक किया जाए, तो आप देखेंगे कि इस गाड़ी (CAR) को 8 नवंबर, 2005 को रजिस्टर्ड किया गया था, जिसकी फिटनैस 19 अक्तूबर, 2025 तक एवं टैक्स भी 13 सितंबर, 2025 तक वैलिड है। इस गाड़ी का पौल्यूशन 25 मई, 2025 तक वैलिड (VALID) है।
M-PARIVAHAN पर अपडेट डाटा
जबकि इसकी इंशोरैंस 21 अगस्त, 2021 के बाद करवाई ही नहीं गई। और तब से लेकर आज तक यह सरकारी कर्मचारी की निजी गाड़ी प्रदेश की सड़कों पर बिना इंशोरैंस करवाए ही घूम रही है।
यहां यह भी बताने लायक है कि पिछले कुछ समय के दौरान एआरटीओ अपने गनमैन कम ड्राईवर की निजी गाड़ी लेकर भी चालान काटने के लिए जाते रहे हैं। और अगर जिस गाड़ी में सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पब्लिक के चालान काटने के लिए जाते हैं, ताे उनके सारे दस्तावेज़ पूुरा होना अनिवार्य हो जाता है। अगर ऐसा नहीं होता है, ताे यह अपने आप में सोचने के लिए मजबूर करने वाली बात है।
मेरी जानकारी में नहीं है मामला, जांच होगी, अगर कानून तोड़ा है तो ज़र्माना भी लगेगा - बलबीर राज सिंह
आरटीओ कम एसडीएम जालंधर-2 बलबीर राज सिंह से जब इस चौंकाने वाले मामले के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह आरटीओ दफ्तर की सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उक्त गाड़ी का इस्तेमाल एआरटीओ द्वारा किया जा रहा है। जहां तक दस्तावेज़ पूरे न होने का सवाल है, वह इसकी जांच करवाएंगे और अगर सही पाया जाता है ताे जो जुर्माना आम जनता के लिए लगाया जाता है, वह यह खुद अपने वाहनों का करेंगे।
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