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यह ताे सिर्फ ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी है" - करप्शन के खिलाफ कारवाई जारी रहेगी - संघेड़ा

PUBLISH DATE: 16-09-2024

कहा - जालंधर इंप्रवूमैंट ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के 7 और केस आए सामने, करोड़ों के प्लाटों की कौड़ियाें के दाम हुई बिक्री


 


जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के अंदर पिछले कुछ दिनाें से हालात बेहद विस्फाेटक बने हुए हैं। हाल ही में एक ईओ, 3 कलर्क व अन्याें के खिलाफ चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के बाद 3 एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसकाे लेकर जहां एक तरफ ट्रस्ट के अधिकारियाें व कर्मचारियाें की तरफ से सरेआम माेर्चा खाेलने का ऐलान कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ चेयरमैन ने भी अपने इरादे पूरी तरह से साफ कर दिए हैं। ऐसा प्रतीत हाेता है कि जाे भी घटनाक्रम अभी तक हुआ है वह ताे केवल ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी है।


चेयरमैन ने एक प्रैस-नाेट जारी करते हुए कहा कि करप्शन के खिलाफ उनकी कारवाई जारी रहेगी। जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के 7 और केस सामने आए हैं। जिसमें कराेड़े रूपए कीमत वाले प्लाटों काे कराेड़ाें रूपए की रिश्वत लेकर कौड़ियाें के दाम पर बेचा गया है।


इन केसाें में दस्तावेज़ फाईलाें से चाेरी होने की वजह से पड़ताल लटक गई थी, मगर अब रैवेन्यु विभाग से रजिस्ट्रियां व अन्य दस्तावेज़ाें की कापियां प्राप्त हाेने से स्पष्ट हाे चुका है कि घपला हुआ है। इन केसों में अधिकारियाें व कर्मचारियाें की ज़िम्मेदारी अभी फिक्स की जानी बाकी है। 


हाल ही में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलाें को लेकर चेयरमैन ने कहा है, कि अलाटियाें एवं लाेगाें का करप्शन एवं तंग-परेशान करके खून पीने वाले लाेगाें की जब अपनी बारी आई ताे वह चीखें मार रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि पूरी जांच-पड़ताल के उपरांत ही शक्की लाेगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उक्त दाेनाें केसाें में अदालती केस हाेने की वजह से ही इंक्वायरी की गई थी, और एफआईआर की कापियाें सहित इंक्वायरी का पूरी रिकार्ड अगली तारीख काे अदालत में पेश किया जाएगा। 


एक अन्य अदालती केस हाेने की वजह से एक और फ्राड सामने आया है, जाे कि फिल्हाल जांच के अधीन है। इस केस में भी पूर्व चेयरमैन एवं कलर्क अनिल द्वारा जाली दस्तावेज़ाें के आधार पर रजिस्ट्री करवाने का मामला सामने आया है। 


उन्हाेंने कहा कि बीते समय में किए गए बहु-कराेड़ी घाेटालाें काे अंजाम देने वाले ही दाेषियाें काे शह दे रहे हैं और अफवाहें फैलाने का काम कर रहे हैं। अगर ज़रूरत पड़ी ताे इन करप्शन करने वालों के चंढीगड़ कनैक्शन का खुलासा भी किया जाएगा।


उन्हाेंने कहा कि चेयरमैन ने ट्रस्ट के एक्ट और रूल्ज़ के अनुसार सभी काम करने हाेते हैं और सरकार ने ट्रस्ट के काम की केवल सुपरवीज़न और कंट्रोल करना हाेता है। चेयरमैन के पास सारे स्टाफ का कंट्राेल करने एवं एफआईआर दर्ज करवाने या अदालती केसाें के लिए समर्थ अथार्टी है। चेयरमैन से प्रवानगी लेकर ईओ भी एफआईआर दर्ज करवाने के लिए लिख सकते हैं और अपनी जालंधर पाेस्टिंग के दौरान उनकी तरफ से भी कई बार एफआईआर के लिए खुद पुलिस के पास लिखा गया था। 


उन्हाेंने कहा कि 3 और केस अभी पाईपलाईन में हैं, मगर चंढीगड़ में केस लटके हाेने की वजह से कारवाई फिल्हाल राेक दी गई है। उन्हाेंने कहा कि हर किसी काे अपना पक्ष रखने एवं बचाव के लिए प्रयास करने का अधिकार है, मगर करप्शन एवं अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं की जाएगी।