डीसी दफ्तर में शिकायत देने का नहीं कोई फायदा, इंसाफ के लिए घिस जाएंगी आपकी जूतियां !
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जांच व कारवाई तो दूर की बात, संबधित अधिकारियों तक नहीं पहुंच रहे आवेदन !
आरआईए ब्रांच की कार्यशैली संदेह के घेरे में, 1 महीने बाद लग रहे डायरी नंबर !
डीसी दफ्तर जहां पूरे ज़िले से संबिधत शिकायतें एवं अलग-अलग सेवाओं के आवेदन जमा किए जाते हैं। आम जनता के मन में सबसे पहला ख्याल यही आता है कि अगर किसी जगह से इंसाफ नहीं मिल रहा है या फिर कहीं कुछ गल्त हो रहा है, तो वह अपनी शिकायत डीसी के पास भेजेंगे, जहां उन्हें न्याय हर हालत में मिलेगा। इतना ही नहीं सरकार के पास सीधे पहुंचने वाली कई आनलाईन शिकायतें व आवेदन भी डीसी दफ्तर के पास भेजे जाते हैं, ताकि संबिधत अधिकारियों के पास उनकी जांच-पड़ताल के बाद बनती कारवाई की जा सके।
मगर ज़मीनी हकीकत यह है कि यहां मौजूदा हालात बद से बदतर हो चुके हैं और ऐसा लगता है कि आम जनता को किसी भी प्रकार का इंसाफ लेने के लिए अपनी जूतियां तक घिसानी पड़ सकती हैं।
सोचने वाली बात है कि आपकी शिकायत की पहले जांच होगी और बाद में बनती कारवाई की जाएगी, मगर वही शिकायत अगर संबधित अधिकारी के पास ही समय पर न पहुंचे तो क्या हालात होंगे।
क्या है मामला, कैसे आरआईए ब्रांच की भूमिका आ रही संदेह के घेरे में
इसके पीछे कारण है डीसी दफ्तर की आरआईए ब्रांच, जहां काम करने वाले कर्मचारी आम जनता की शिकायतों को संबिधत अधिकारियों के पास भेजा ही नहीं जा रहा, जिसके चलते पूरी शाखा की कार्यशैली संदेह के घेरे में आती दिखाई दे रही है। समाज सेवक एवं गौ-भक्त अभिषेक बख्शी ने हाट न्यूज़ इंडिया से विशेष बातचीत में बताया कि उनकी तरफ से 3 शिकायतें निजी तौर पर डीसी दफ्तर जाकर एवं आनलाईन भेजी गई थी। बार-बार उक्त शाखा में चक्कर काटने के बाद भी उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई, कि उनकी शिकायत का क्या बना, किसी अधिकारी के पास जांच के लिए भेजी गई।
गत दिवस उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा, जब ब्रांच में मौजूद कर्मचारियों ने बेहद लापरवाही वाले अंदाज़ में कहा कि उनकी शिकायत अभी आगे भेजी ही नहीं गई है। क्योंकि उनके पास स्टाफ की काफी कमी है। सरकार व डीसी स्टाफ की कमी पूरा नहीं कर रहे। इसके साथ ही जो कलर्क उक्त काम करती है वह छुट्टी पर थी, इसलिए बड़ी गिनती में आवेदन पैंडिग पड़े हैं, जिनका डायरी नंबर ही नहीं लगा है।
अभिषेक बख्शी ने कहा कि जब उनकी तरफ से कहा गया कि वह उच्च-अधिकारियों के पास इसकी शिकायत करेंगे तो पूरा 1 महीने पहले फरवरी में दी गई एक शिकायत का मौके पर ही नंबर लगाकर उन्हें दे दिया गया, जबकि बाकी की शिकायतों के बारे में यह कहकर टाल दिया गया, कि अभी वह मिल नहीं रही हैं, इसलिए दोबारा से आना होगा।
मीडिया द्वारा कवरेज करने पर भी जताया एतराज
अभिषेक बख्शी द्वारा फोन पर जानकारी देने के बाद जब हाट न्यूज़ इंडिया की टीम मौके पर पहुंची तो आरआईए ब्रांच के कर्मचारियों ने विरोध जताया कि आप यहां कवरेज नहीं कर सकते। जब उनसे पूछा गया कि क्या पंजाब सरकार या डीसी ने मीडिया कवरेज बैन की है, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।
शिकायत आई है, संबिधत कर्मचिरयों को पैंडेन्सी तुरंत खत्म करने का दिया है निर्देश – सुप्रीडैंट ग्रेड-1
इस संबधी जब सुप्रीडैंट ग्रेड-1 आशा रानी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि संबिधत कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं, कि तुरंत सारी पैंडेन्सी को खत्म किया जाए। अगर कोई कर्मचारी छुट्टी पर है तो किसी अन्य कर्मचारी की आईडी में काम किया जाए, ताकि आम जनता की परेशानियों खासतौर पर शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जा सके।

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