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(अंदर की बात) "किस्सा तहसील के शातिर महारथी का" - खुद को बिक्रमजीत सिंह मजीठिया बताकर तहसीलदार को करवाया था फोन !

PUBLISH DATE: 31-01-2025

भेद खुलने पर तहसीलदार ने की थी खूब खातिर, आज भी गलत काम करने के लिए हर हद पार करने के लिए रहता है तैयार


 


 



 


 


जालंधर की तहसील में इन दिनों सुबह से लेकर शाम तक एक ही व्यक्ति के चर्चे चल रहे हैं। शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जो इस शातिर महारथी के कारनामों से वाकिफ न हो। वैसे तो पिछले कुछ दिनों से इसको लेकर कई खट्टी-मीठी बातें सामने आ रही हैं, मगर एक बात गुरूवार को ऐसी सामने आई। जिसने यह साबित कर दिया कि चोर चोरी से जाए, मगर हेराफेरी से न जाए। और अगर गलत काम करने की आपकी आदत बन जाए, तो चाहे कोई भी कितना ज़ोर लगा ले आप सही काम को भी गलत ढंग से करने का ही प्रयास करेंगे।


 



 


हर तरह के जाली दस्तावेज़ तैयार करने और झूठ को बड़ी सफाई एवं आत्मविश्वास से सच बताने का कला में मास्टर शातिर महारथी की दबंगई का सबूत उस समय मिला जब, तहसील के अंदर जब इसके कारनमों का ज़िक्र चल रहा था, एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ साल पहले जब रजिस्ट्रियां पुरानी बिल्डिंग के अंदर हुआ करती थी, तब इसने किसी फोन से खुद को तत्कालीन रैवेन्यु मिनिस्टर यानि कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया बताकर तहसीलार से बात की और कहा कि एक रजिस्टरी करवाने के लिए आपके पास शातिर महारथी आएगा आप उसे कर दो, क्योंकि उक्त दस्तावेज़ अपने किसी नज़दीकी के हैं।


 



 


इस तरह से सीधा प्रदेश के आर.एम. (रैवेन्यु मिनिस्टर) का फोन आने से तहसीलदार का माथा ठनका। हालांकि रजिस्ट्री तो उन्होंने कर दी, मगर बाद में जब उन्होंने मामले की पड़ताल की तो पाया कि जालंधर तहसील के शातिर महारथी ने खुद को बिक्रमजीत सिंह मजीठिया बताकर बात की थी। सच्चाई का पता लगने पर तहसीलदार ने इसकी खूब खातिरदारी की और इस बात की भी हिदायत जारी की, इस व्यक्ति के दस्तावेज़ जब भी आएं, उसकी अच्छी तरह से पड़ताल की जाए।