वाह री राजनीति - कभी थे कट्टर दुशमन, आज बन गए गहरे दोस्त, वार्ड नं 71 की अजब-गजब कहानी !
राजनीति का खेल आसानी से किसी की समझ में आना संभव नहीं है। यहां कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही नज़ारा वार्ड नं 71 के अंदर देखने को मिल रहा है। जहां कांग्रेसी उम्मीदवार रजनी बाहरी से हर दूसरा प्रतिद्वंदी उम्मीदवार काफी डरा हुआ प्रतीत हो रहा है। जिसके चलते अलग-अलग पार्टियों से संबध रखे वाले कुछ कट्टर दुशमन भी आज गहरे दोस्त बने हुए दिखाई दे रहे हैं।
जिमखाना से संबध रखने वाले दो लोग जो कभी काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे और एक समय ऐसा आया जब यह दोनाों एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे। एक व्यक्ति ने तो अपनी दुशमनी निभाते हुए मीडिया का भी इस्तेमाल किया और दूसरे के खिलाफ जमकर कई खबरें प्रकाशित करवाई। इतना ही नहीं उसकी कई आडियो क्लिपस भी उसने सोशल मीडिया परवायर की। मगर आज सत्ता का सुख मिलता देख केवल और केवल लालचवश अपने कट्टर दुशमन को गले लगाकर उसकी बेटी को जिताने के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार को भी धोखा देते हुए आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं।
वैसे यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सलिल बाहरी की पकड़ इस इलाके में कितनी मज़बूत है, यह किसी से छिपा नहीं है। इसलिए उनको हराना लोहे के चने चबाने के समान होगा। मगर सत्ताधारी पार्टी का फायदा उठाते हुए किसी प्रकार की धक्केशाही की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों की मानें तो इन दो गहरे दुशमन-दोस्तों की जोड़ी की चर्चा न केवल उनके अपने वार्ड बल्कि शहर व जिमखाना क्लब के अंदर भी खूब हो रही है। इतना ही नहीं अपनी पार्टी के खिलाफ जाने वाले नेता की रिपोर्ट भी हाईकमान के पास भेजने की तैयारी की जा रही है। वैसे चुनाव का परिणाम चाहे जो भी हो, इनकी दोस्ती व दुशमनी के किस्से बाद में भी सुनाई देते रहने वाले हैं।
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