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जाली एनओसी एवं क्लीसीफिकेशन बनाने में माहिर तहसील के शातिर के खिलाफ लगा शिकायतों का अंबार !

PUBLISH DATE: 13-02-2025

सीएम, विजीलैंस, डीसी व सब-रजिस्ट्रार के पास 2 साल पुराने रिकार्ड की जांच को लेकर नई शिकायत हुई दर्ज


कई अवैध कालोनियों पर भी गिर सकती है गाज, हज़ारों की गिनती में जाली दस्तावेज़ के साथ करोड़ों की ठगी का है मामला !


 


जालंधर तहसील जो अपनी शुरूआत से ही विवादों के साथ घिरी रहती है, यहां भ्रष्टाचार एवं गल्त काम अपनी चरम सीमा को छू रहे हैं। 92 सीटें जीतकर एक सुनामी की भांती प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले ही साफ कर दिया था, कि किसी भी कीमत पर सरकारी दफ्तरों में करप्शन नहीं होने दी जाएगी। और इसके लिए सत्ता संभालने के बाद कई बहुत बड़े कदम भी उठाए गए। जिसमें अपने नेताओं से लेकर बड़े पारवरफुल सरकारी अफसरों पर भी कड़ी कारवाई करके यह बात साफ कर दी गई थी, कि कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। बावजूद इसके कुछ चिकने घड़े ऐसे हैं, जिनके ऊपर किसी बात का कोई असर होता ही नहीं है।



 


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील में खुद को वसीका नवीस बताने वाले एक निजी करिंदे (LOVE KUMAR) की कहानी ऐसे ही एक चिकने घड़े के समान है। जिसे न तो किसी कानून का कोई डर है और न ही किसी नियम की कोई परवाह है। चाहे जाली क्लासीफिकेशन लगाकर रजिस्ट्री करवाने का मामला हो, चाहे पुडा के अधीन आने वाले इलाके में नगर निगम जालंधर की जाली एनओसी अपने कंप्यूटर पर बनाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की नौकरी खतरे में डालने का मामला हो। चाहे किसी भी तरह का कोई भी जाली दस्तावेज़ बनवाना हो उक्त शातिर किस्म के यह महारथी चुटकियों में उपलब्ध करवा देते हैं। 


सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं है कि इसके खिलाफ पहले कोई शिकायत नहीं आई, मगर हर बार यह पैसों के दम पर एवं बेहद सफाई से झूठ को सच साबित करके बच निकलता रहा है। मगर जैसे कि कहते हैं कि भगवान के घर देर है, पर अंधेर नहीं। ऐसे ही अब इसके पापों का घड़ा भरता हुआ दिखाई दे रहा है। और इसके खिलाफ सबूतों सहित शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है।


शहर के जाने-माने गौ-भक्त व समाज सेवक अभिषेक बख्शी द्वारा अब इसके खिलाफ एक नई शिकायत प्रदेश के सीएम भगवंत सिंह मान, विजीलैंस पंजाब, डीसी जालंधर एवं सब-रजिस्ट्रार जालँधर-2 के पास भेजी गई है। जिसमें कहा गया है कि पिछले 2 साल के दौरान हुई सभी रजिस्ट्रियों (जिसकी गिनती हज़ारों में बनती है) के अंदर इस्तेमाल की गई एनओसी एवं क्लीसीफिकेशन की नगर निगम एवं पुडा से जांच करवाई जाए, कि वह असली हैं या फिर तहसील में ही बनाई गई जाली हैं।


 



 


हाट न्यूज़ इंडिया से विशेष बातचीत में अभिषेक बख्शी ने बताया कि जाली एनओसी व क्लीसीफिकेशन लगाकर जहां भोली-भाली जनता के साथ लूट की गई, वहीं सरकारी रैवेन्यु को भी करोड़ों रूपए का चूना लगाने का काम किया गया है। जालंधर की तहसील में लगने वाले उक्त दस्तावेज़ों के अंदर जाली कागज़ की भरमार इतनी अधिक है कि गहन पड़ताल के बाद यह पिछले कुछ सालों का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा साबित हो सकता है। इसलिए इतने गंभीर मामले की बेहद संजीदा तरीके से उच्च-स्तरीय जांच की जानी आवश्यक है।


अभिषेक बख्शी ने कहा कि इस स्कैंडल का पर्दाफाश होने से शहर के अंदर कई अवैध कालोनियों पर भी गाज़ गिर सकती है, जिसके अंदर जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके रजिस्ट्री करवाई गई है।


उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला गया, तो उन्हें तहसील दफ्तर के सामने धरना-प्रर्दशन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी केवल प्रशासन की होगी।