आरटीओ दफ्तर में हो रही गैर-कानूनी गतिविधियों को लेकर उच्च-स्तरीय जांच एवं एआरटीओ के तबादले की उठी मांग !
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सीएम, चीफ सैक्रेटरी, विजीलैंस, प्रिंसीपल सैक्रेटरी ट्रांसपोर्ट, डीसी व आरटीओ के पास पहुंची शिकायत
वैसे तो कानून सभी के लिए एक समान होता है लेकिन जालंधर के आरटीओ दफ्तर में शायद अधिकारियों का यह मानना है कि कानून केवल उन लोगों के लिए है जो उनकी जेब गर्म नहीं करते हैं। और जो लोग कर्मचारियों की जेब गर्म कर देते हैं उनके लिए सभी तरह के कानून ताक पर रखते हुए हर प्रकार के गलत काम करने से गुरेज नहीं किया जाता। खुद को भगवान समझने वाले एवं भारतीय संविधान की कानूनी प्रणाली की रत्ती भर परवाह न करने वाले आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों के शायद अब बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। क्योंकि इनके कारनामों का कच्चा-चिट्ठा अब शिकायतों का रूप लेकर सरकार व उच्च-अधिकारियों के पास जाना आरंभ हो चुका है।
खुद को एआरटीओ समझने वाले ड्राईवर के साथ-साथ एआरटीओ की हुई शिकायत, तबादले की रखी मांग
समाज सेवक एवं गौ-भक्त अभिषेक बख्शी ने खुद को एआरटीओ समझने वाले ड्राईवर कम गनमैन एवं एआरीओ विशाल गोयल के खिलाफ सरकार एवं परिवहन विभाग के उच्च-अधिकारियों के पास शिकायत भेजी है। एवं इस बात की मांग भी रखी है कि उसका तुरंत प्रभाव से तबादला किसी अन्य जगह किया जाए।
किस-किस के पास किसलिए की गई है शिकायत ?
अभिषेक बख्शी द्वारा प्रदेश के सीएम भगवंत सिंह मान, विजीलैंस विभाग, चीफ सैक्रेटरी, प्रिंसीपल सैक्रेटरी ट्रांसपोर्ट, डीसी जालंधर एवं एसडीएम-2 कम आरटीओ के पास ड्राईवर की शिकायत की गई है।
शिकायत में उनकी तरफ से कुछ दिन पहले अखबारों व सोशल मीडिया पर प्रकाशित एक खबर का हवाला देते हुए कहा गया है कि एआरटीओ की गैर-मौजूदगी में बिना किसी अथार्टी एवं परमीशन के ट्रैक पर ज़ब्त की गई गाडियों को बिना सरकारी खज़ाने मे पैसे जमा करवाए कैश लेकर केवल एक कच्ची पर्ची काटकर रिलीज़ किया गया था।
इतना ही नहीं उक्त ड्राईवर द्वारा एआरटीओ विशाल गोयल के साथ मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया था, कि दोनों मिलकर सरकारी खज़ाने को चूना लगाने का काम कर रहे हैं और गैर-कानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
शिकायत में क्या लगाई है गुहार ?
शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत-पत्र में लिखा है कि इस पूरे मामले की उच्च-स्तरीय जांच करवाई जाए। एआरटीओ विशाल गोयल एवं उनके ड्राईवर की हाई-लैवल पड़ताल की जाए। सरकारी खज़ाने को हुए नुक्सान की भरपाई करवाई जाए। विशाल गोयल का तुरंत प्रभाव से किसी अन्य जगह तबादला किया जाए, ताकि गैर-कानूनी गतिविधियों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जा सके।
एआरटीओ खुद नहीं करते नियमों का पालन, फिर भी धड़ाधड़ काट रहे जनता के चालान
जालंधर के एआरटीओ जिनकी जिम्मेदारी है कि जो लोग अपने वाहनों के दस्तावेज पूरे नहीं करते एवं कानून का उल्लंघन करते हैं उनके चालान काटकर उनसे बनता जुर्माना वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराया जाए। कुछ दिन पहले ही इनको लेकर काफी खबरें प्रकाशित की गई थी जिसमें खुद उनकी निजी गाड़ी एवं उनके ड्राइवर की निजी गाड़ी के दस्तावेज अधूरे थे मगर आज तक उन्होंने इन्हें पूरा करवाने की सहमत तक नहीं उठाई। इस मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा संबंधित अधिकारी की फटकार लगाई जाने की भी सूचना प्राप्त हुई थी। मगर एक चिकने घड़े की भांति जालंधर के इस दफ्तर के अधिकारियों के ऊपर शायद कोई असर ही नहीं होता है।
हर बार की तरह इस बार भी संबंधित अधिकारी ने मीडिया का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा और यह बात भी सामने आ रही है कि उनका कहना है कि मेरे खिलाफ चाहे जितनी भी खबरें लग जाएं और मैं चाहे सबूत सहित ही पकड़ा जाऊं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि मेरी बहुत ऊंची पहुंच है और तगड़ी सेटिंग है जिसके चलते मेरे खिलाफ कोई भी कार्रवाई हो ही नहीं सकती।
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