साहिब बदले, नियम बदले मगर नहीं बदले आरटीओ दफ्तर के कलर्क !
एजैंटों के काम होते चुटकियां बजाते, आम जनता को करना पड़ता लंबा इंतज़ार
1 लाख 75 हज़ार रोज़ाना की औसत से 75 दिन में हो रही करीब 1.50 करोड़ की काली कमाई !
पंजाब के परिवहन विभाग की बात हो और जांलधर के आरटीओ दफ्तर की बात न की जाए, यह तो पूरी तरह से नाइंसाफी होगी। क्योंकि इस दफ्तर में काम करने वाले कलर्कों की काली कमाई का ग्राफ लगातार ऐवरैस्ट की ऊंचाईयां छू रहा है। सबसे मज़ेदार बात यह है कि हाल ही में एक बेहद इमानदार एवं सख्त अधिकारी एसडीएम-2 बलबीर राज सिंह को इस दफ्तर का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। जिनके आने के बाद इस दफ्तर में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जैसे कि आम जनता का काम सही समय पर किया जाना, बिना मतलब आवेदन अप्रवूल के लिए रोके जाना इत्यादि कई काम हैं, जिन्हें करने के लिए उनकी तरफ से स्टाफ को सख्त हिदायतें जारी कर दी गई हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में जो बात गौर करने लायक है कि चाहे अधिकारी बदल गए हैं और उन्होंने इस दफ्तर के काम करने के नियम में भी बदलाव कर दिया है। जो है बिना रिश्वत के आम जनता के काम करना। मगर दफ्तर में काम करने वाले कलर्कों की आदत वही पुरानी बनी हुई है। जिसके चलते यह अभी भी एजैंटों के काम को तरजीह दे रहे हैं और आम जनता को लंबा इंतज़ार करवा रहे हैं।
इतना ही नहीं पिछली पड़ी सारी पैंडेंसी जिसके लिए यह एजैंटों से पैसे ले चुके थे, अब उसे नए अधिकारी से अप्रूव करवाने के नाम पर भी पैसे वसूले जाने की बात सूत्रों से मिल रही है। जबकि नए अधिकारी ने साफ कर दिया है कि वह न तो रिश्वत लेंगे और न ही किसी अन्य को लेने देंगे।
4 कलर्क एवं उनके 4 प्राईवेट करिंदे हर रोज़ कर रहे लाखों की काली कमाई, एक भी दस्तावेज़ बिना रिश्वत के नहीं होता पास
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीओ दफ्तर में आरसी से संबिधत काम करने वाले कुल 4 कलर्क हैं, जिन्होंने आगे 4 प्राईवेट करिंदे रखे हुए हैं। इनकी रोज़ाना औसतन काली कमाई 1 लाख 75 हज़ार के आस-पास बैठती है। और कुल 75 दिन में यह लोग करीब 1 करोड़ 50 लाख की मोटी काली कमाई करके दिन-प्रतिदिन अपना निजी खज़ाना भरने में लगे हुए हैं।
यह आंकड़े 75 दिन में पूरी होने वाली किसी भी वाहनों की सीरीज़ के आधार पर जोड़ा गया है। जिसके अनुसार नई आरसी, रिन्युवल, डुप्लीकेट, हाईपोथिकेशन, री-असाईनमैंट, ट्रांसफर आदि के काम उक्त कलर्क देख रहे हैं। इसमें से कुछ कलर्क दूसरे साथियों से कहीं मोटी काली कमाई कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास दिए गए काम और अन्यों को दिए गए काम में भी काफी अंतर है।
क्या है आरसी से संबिधत अलग-अलग काम करवाने के लिए फिक्स किए गए रिश्वत के रेट ?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नई आरसी के लिए दो-पहिया वाहनों के लिए 300 रूपए, चार-पहिया के लिए 600 रूपए, ट्रक व बस आदि के लिए 1500 रूपए, कर्मशियल गाड़ियों के लिए 1000 रूपए और ई-रिक्शा के लिए 500 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है। इसी प्रकार से री-असाईनमैंट के लिए दो-पहिया व चार-पहिया के लिए 5000 रूपए एवं कर्मशियल, ट्रक-बस आदि के लिए 10 हज़ार रूपए रिश्वत रेट फिक्स है। बात करें आरसी के ट्रांसफर की तो 500 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है। आरसी से हाईपोथिकेशन कटवाने के लिए 300 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है। आरसी रिन्युवल करवाने के लिए 300 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है। इसी प्रकार अगर आपकी आरसी गुम जाती है या फिर खराब हो जाती है तो डुप्लीकेट बनवाने के लिए 300 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है।इसी के साथ अगर आपकी आरसी के ऊपर फोन नंबर तबदील होना है तो उसके लिए ट्रांसपोर्ट सोसाईटी के अधीन रखा गए कर्मचारी द्वारा 100 रूपए प्रति आरसी रिश्वत रेट फिक्स है। वहीं अगर कर्मशियल गाड़ियों के परमिट की बात करें तो उसके लिए 500 रूपए रिश्वत रेट फिक्स है।
यहां बताने लायक है कि रिश्वत के रेट आम जनता को सरकार द्वारा तय की गई फीस से अलग चुकाने पड़ते हैं। और जो रिश्वत नहीं देता उसे दफ्तर के बार-बार धक्के खाने पड़ते हैं।
75 दिन में किस सर्विस के लिए आते हैं औसतन कितने आवेदन ?
अगर 75 दिन की बात की जाए, जिसमें एक नंबरों की सीरीज़ खत्म हो जाती है, तो नई आरसी के दो-पहिया वाहनों के लगभग 5 हज़ार आवेदन, चार-पहिया वाहनों के लगभग 3 हज़ार आवेदन, ट्रक-बस आदि के लगभग 1 हज़ार आवेदन, कर्मशियल गाड़ियों के लगभग 500 आवेदन और ई-रिक्शा के लगभग 500 आवेदन आते हैं।
इसी प्रकार से री-असाईनमैंट के लिए लगभग 500 आवेदन, आरसी ट्रांसफर के लिए लगभग 500 आवेदन, आरसी से हाईपोथिकेशन कटवाने के लिए लगभग 300 आवेदन, आरसी रिन्युवल के लिए लगभग 300 आवेदन, डुप्लीकेट आरसी के लिए लगभग 300 आवेदन और कर्मशियल गाड़ियों के परमिट से संबिधत 350 आवेदन आते हैं।
आरटीओ दफ्तर में दोनों हाथों से जनता के साथ हो रही लूट - संजय सहगल
आरटीआई एक्टिविस्ट एवं कांग्रेसी नेता संजय सहगल ने कहा कि मौजूदा समय के अंदर आरटीओ दफ्तर के अंदर दोनाें हाथों से आम जनता के साथ लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने एक एक्टिवा खरीदी है, और वाहन डीलर के करिंदे ने आरसी बनाने एवं आरटीओ दफ्तर के नाम पर 1 हज़ार की रिश्वत मांगी गई थी। उन्हाेंने कहा कि हर वाहन डीलर के पास आरटीओ दफ्तर में दी जाने वाली रिश्वत के नाम पर ओवरचार्जिंग की जा रही है। इसके लिए कई बार विभाग एवं अधिकारियों से कहा गया है, कि वह हर वाहन डीलर के पास रेट-लिस्ट लगवाएं कि आरसी के लिए सरकारी फीस कितना है, ताकि आम जनता के साथ हो रही लूट को रोका जा सके।
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