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''उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'', 1.58 करोड़ डिफाल्टर के आरोपी Bath Castle के मालिक ने नगर निगम से ही मांग लिए 15 लाख!

PUBLISH DATE: 03-12-2024

जालंधर : बड़ी पुरानी कहावत है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, कुछ ऐसा ही मामला जालंधर के एक मौरिज पैलेस को नगर निगम द्वारा जारी किए गए जुर्माने के नोटिस के बाद देखने को मिल रहा है, जहां बकाया राशी जमा करवाने की जगह मैरिज पैलेस मालिक ने नगर निगम को ही कटघरे में खड़ा करते हुए पैसों की मांग कर डाली। दरअसल जालंधर नगर निगम द्वारा बाठ कैसल के मालिक को 1.58 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा गया था, लेकिन बाठ कैसल के मालिक इस बकाया रकम को जमा नहीं करवा पाए। इसके बजाय, उन्होंने निगम से ही 15 लाख रुपए की मांग कर दी।


क्या है मामला, कब और क्यों जारी किया गया था नोटिस


प्रदेश सरकार के आदेशानुसार सरकारी खज़ाने काे चूना लगाने वालाें पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पूरे पंजाब में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत नगर निगम  जालंधर (MUNICIPAL CORPORATION JALANDHAR) के कमिश्नर गौतम जैन (COMMISSIONER MCJ GAUTAM JAIN) के आदेशानुसार शहर के बड़े-बड़े डिफाल्टरों पर बिल्डिंग ब्रांच द्वारा सख्ती बरतते हुए बनती कारवाई आरंभ की गई है।


इसी के तहत नगर निगम ने नेशनल हाईवे (NATIONAL HIGHWAY) पर 56 कनाल जमीन में स्थित बाथ कैसल (Bath Castle) को 1.58 करोड़ रुपए का नोटिस (NOTICE) भेजा गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार बाथ कैसल के मालिकाें ने पिछले 6 साल से पैसे जमा नहीं करवाए हैं, जिसलिए उनकाे नाेटिस भेजकर पैसे जमा करवाने के लिए कहा गया है। नाेटिस के अनुसार बकाया राशी के ऊपर पिछले 6 साल का ब्याज (INTEREST) भी लगाया जाएगा। उक्त नोटिस बाथ कैसल (Bath Castle) को रेग्युलाइजेशन (REGULARISATION) करने के लिए भेजा गया था। शहर में बाथ कैसल के इलावा भी कई और पैलेस (PALACE) वाले हैं, जिन्हाेंने लंबे समय से नगर निगम काे बनती राशी जमा नहीं करवाई है, इसीलिए बाथ कैसल के साथ-साथ कई अन्य पैलेस मालिकों को नोटिस भेजे गए थे।।


बाथ कैसल के मालिक ने एफीडेविट देकर भी नहीं जमा करवाए थे पैसे


साल 2017 में रेग्युलाइजेशन पालिसी आई थी, तब बाथ कैसल (Bath Castle) के मालिक ने एफीडेविट देकर कहा था, कि जाे भी फीस बनेगी, वह नगर निगम के खाते में जमा करवा देंगे। साल 2018 में बाथ कैसल (Bath Castle) के मालिक को नगर निगम ने 1,01,74,427 रुपए जमा करवाने के लिए नोटिस भेजा था। तब बाथ कैसल (Bath Castle) के मालिक ने इस रकम का 15% यानि कि 15,26,165 रुपए जनवरी 2018 में जमा करवा दिए थे। इसके बाद बाथ कैसल (Bath Castle) के मालिक ने नगर निगम के कमिश्नर को एक एफीडेविट दिया था, जिसमें लिखा गया था, कि बकाया 85% राशी वह 6 महीने के अंदर किश्तों में जमा करवा देंगे। मगर बकाया राशी आज तक जमा नहीं करवाई गई है। इसी कारण अब 6 साल के बाद बाथ कैसल (Bath Castle) फाइल खोलकर बकाया राशी जमा करवाने काे लेकर उन्हें 1.58 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा गया था।


कहीं केवल मामले को लटकाने एवं उल्झाने के लिए निगम के कुछ करप्ट अधिकारियाें की सलाह पर तो नहीं लिखा पत्र


जिस प्रकार से बाठ कैसल के मालिक ने नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा कि जब उनका मैरिज पैलेस बना था, तब सीएलयू की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन निगम अफसरों ने उन्हें गुमराह करके 15 लाख रुपए सीएलयू के लिए जमा करवा लिए, बाठ कैसल के मालिक ने यह भी कहा कि सरकार ने इस संबंध में जो नोटिफिकेशन जारी किया था, उसकी कॉपी भी निगम को भेजी गई है, इस पत्र को देखकर कहीं न कहीं ऐसा भी लगता है कि यह केवल जुर्माना जमा करवाने के लिए जारी किए गए नोटिस वाले मामले को लटकाने एवं उल्झाने के लिए नगर निगम के ही कुछ करप्ट अधिकारियों की सलाह पर उठाया गया कदम तो नहीं है।


असलीयत तो यह है कि सीएलयू कानून के अंतर्गत न आने वाली बात सरासर गलत है क्योंकि पंजाब सरकार के डिपार्टमैंट आफ हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में साफ लिखा है कि नगर निगम की हद के अंदर या फिर 10 किलोमीटिर के दायरे में आने वाली सभी मैरिज पैलेसों को इस नियम के तहत फीस जमा करवाना ज़रूरी है। ऐसे में पैलेस मालिक द्वारा निगम को उल्झाने के लिए लिखा गया पत्र किसी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता। 



 



 


पैसा जमा नहीं करवाने की सूरत में सील हो सकता है पैलेस


नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि अगर बाथ कैसल (Bath Castle) के मालिक यह बकाया राशी जमा नहीं करवाते हैं तो उनके पैलेस को सील किया जा सकता है। यहां बताने लायक है, कि बाथ कैसल (Bath Castle) शहर का सबसे महंगे  मैरिज पैलेस में से एक है। यहां केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेता और मंत्रियों के कार्यक्रम होते रहते हैं।


निगम के एटीपी काे रिश्वत के आराेप में पकड़वाने काे लेकर भी चर्चा में आए थे बाथ कैसल के मालिक


यहां यह भी बताने लायक है कि कुछ समय पहले नगर निगम के एक एटीपी रवि पंकज शर्मा एवं 2 अन्याें काे ट्रैप लगाकर रिश्वत के आराेपाें के चलते बाथ कैसल के मालिक ने ट्रैप लगवाकर पकड़वाया था। और उस समय इस ट्रैप काे धक्का-ट्रैप का नाम भी दिया गया था। क्याेंकि विजीलैंस द्वारा आराेपियाें काे बीएमसी चौक से पकड़ने के बाद सीधा बाथ कैसल ले जाया गया था। और कई घंटे बाद वहां से गिरफ्तारी दर्ज की गई थी। उक्त मामला फिल्हाल माननीय अदालत में विचाराधीन है। 


सूत्राें के अनुसार उक्त ट्रैप काे निगम के बकाया न जमा करवाने के साथ भी जाेड़कर देखा जा रहा है। क्याेंकि जिस समय उक्त ट्रैप लगा था, उस समय बाथ कैसल के मालिक निगम के बड़े डिफाल्टराें की सूची में थे। 


 


इस मामले को लेकर जब नगर निगम कमिशनर एवं बाथ कैसल के मालिक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका, जैसे ही उनसे बात होगी उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।