"जाली काम करने के उस्ताद तहसील के महारथी" की जल्दी खुलेगी पोल, सीएम पोर्टल पर शिकायत हुई दर्ज !
खुलेंगे तहसील में पिछले कई सालों से किए काले कारनामों के कच्चे-चिट्ठे !
बंद होगी बिना किसी लाईसैंस के हर रोज़ लाखों की काली कमाई करने वाले इस निजी करिंदे की दुकानदारी !
जालंधर की तहसील (TEHSEEL) जिसके बारे में पूरे प्रदेश (STATE) के अंदर यह बात काफी मश्हूर है कि जो काम कहीं नहीं हो सकता वह यहां हो सकता है। तहसील में होने वाले 100 प्रतिशत गलत व जालसाजी (FRAUDELENT) वाले मामलों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी (PARTNERSHIP) रखने वाले जाली काम करने के उस्ताद तहसील के महारथी जिसका नाम "प" ("P") अक्षर से शुरू होता है और पहले भी कई बार इसको लेकर बड़े विवाद सामने आते रहे हैं।
अब बेहद जल्दी उसकी पोल खुलने वाली है। और पिछले कई सालों से जो दुकानदारी यह बिना किसी लाईसैंस के चलाता आ रहा है, वह भी पूर्ण तौर पर बंद होने वाली है। क्योंकि गौ-भक्त एवं आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक बख्शी द्वारा सीएम पोर्टल पर इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है।
जिसमें पिछले 5 सालों के दौरान तहसील-1 व तहसील-2 में जाली दस्तावेज़ लगाकार इसके द्वारा करवाई गई सभी रजिस्टिरियों की जांच-पड़ताल करवाकर बनती कानूनी कारवाई करने के लिए कहा गया है।
शहर की कई अवैध कालोनियों पर भी गिरेगी गाज, आएंगी जांच के दायरे में
इस शातिर महारथी के तार शहर की कई अवैध कालोनियों से भी जुड़े हुए हैं। और पिछले कई सालों से यह रोज़ाना दर्जनों रजिस्टिरयां जाली क्लासिफिकेशन व अन्य दस्तावेज़ लगवाकर करवाता रहा है। इसके खिलाफ की जाने वाली जांच के दायरे में उक्त कालोनियां भी आएंगी इनके कालोनाईज़रों पर भी गाज गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
खुद न जाकर अलग-अलग व्यक्तियों को अधिकारियों के पास भेजकर करवा रहा है काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जालंधर तहसील में काफी बदनाम होने की वजह से उक्त शातिर ने अब नया जुगाड़ लगाया है, जिसके तहत अब वह खुद अपने ग्राहकों के दस्तावेज़ लेकर अधिकारियों के सामने न जाकर अन्य लोग जो तहसील में अपना काम करवाते हैं, उन्हें 1 से 2 हज़ार रूपए प्रति दस्तावेज़ का शुल्क अदा करके अपने सही-गलत काम करवाने के लिए भेज रहा है।
शातिर महारथी का साथ देने वालों पर रखी जा रही है पैनी निगाह, जल्दी विजीलैंस के पास भेजे जाएंगे इनके नाम
शिकायतकर्ता ने मीडिाय से बात करते हुए कहा कि जो लोग चंद पैसों की खातिर इस शातिर महारथी के गलत काम करवाने में साथ दे रहे हैं, उनके ऊपर भी पैनी निगाह बनाकर रखी जा रही है। जल्दी ही उनकी फोटो व सबूतों सहित पूरी लिस्ट विजीलैंस के पास शिकायत सहित भेजी जाएगी, ताकि उनके ऊपर भी बनती कानूनी कारवाई की जा सके।
क्या कारण है कि बार-बार शिकायतें आने के बावजूद अधिकारी इसके काम करने को देते रहे तरजीह ?
बड़ी हैरानी वाली बात है कि जिस व्यक्ति के पास न तो कोई डिग्री है और न ही कोई सरकारी लाईसैंस है, फिर भी यह कई साल तहसील के अंदर एक बूथ पर किसी वसीका नवीस की भांती बैठकर अपने काले कारनामों को अंजाम देता रहा और कई बार शिकायतें मिलने के बावजूद किसी मजबूरी के तहत अधिकारी इसके हर सही-गलत काम को तरजीह देते रहे।
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