नई शिक्षा नीति के तहत पंजाब में आठवीं के बाद ITI करके भी ले सकेंगे दसवीं का सर्टिफिकेट
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पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत, विद्यार्थी अब आठवीं क्लास के बाद आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) कर के भी दसवीं का सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही विभागीय मंजूरी के बाद शिक्षा मंत्री को फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा।
इस पहल के अंतर्गत, स्कूलों में आईटीआई कोर्स शुरू करने की योजना भी बनाई जा रही है। इसके साथ ही, आईटीआई के विद्यार्थियों को सुरक्षा के लिए बीमा कवरेज उपलब्ध कराने पर भी विचार चल रहा है, जिससे कि यदि ट्रेनिंग के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो विद्यार्थियों को उचित चिकित्सा सहायता मिल सके।
पंजाब में वर्तमान में 137 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं, जिनमें 35,201 सीटें उपलब्ध हैं। वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में इन सीटों की भरती दर 93 प्रतिशत रही। हालांकि, आईटीआई डिप्लोमा करने के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के सर्टिफिकेट के लिए सभी परीक्षाओं को पास करना पड़ता है, जिससे उनका समय बर्बाद होता है।
इसलिए, तकनीकी शिक्षा को शिक्षा विभाग से जोड़ने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में कुछ शर्तें भी लगाई जा सकती हैं, जैसे कि आईटीआई डिप्लोमा पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए पंजाबी या अन्य जरूरी विषयों की परीक्षाएं पास करना अनिवार्य हो सकता है। विभागीय मंजूरी के बाद नियम और शर्तें तय की जाएंगी।
टेक्निकल एजुकेशन विभाग की ओर से बताया गया है कि सभी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में जरूरी विषयों की पढ़ाई और स्कूलों में तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम आरंभ करने का यह प्रस्ताव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत समग्र शिक्षा प्रणाली के लिए तैयार किया गया है।
इसके अतिरिक्त, आईटीआई विद्यार्थियों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा। इस कवरेज का उद्देश्य विद्यार्थियों की सुरक्षा करना है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। यह योजना हर साल विभाग को एक करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, जिसमें मृत्यु कवरेज भी शामिल होगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग की योजनाओं में आईटीआई में सीटों की बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है। पिछले सत्र में 28,000 से बढ़ाकर 35,000 सीटें की गई थीं, और अब अगले सत्र में इसे 40,000 सीटों तक बढ़ाने की तैयारी है।

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