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17 को पूरे प्रदेश के ट्रस्ट अधिकारी व कर्मचारी करेंगे रोष-प्रदर्शन, कलमछोड़ हड़ताल पर जाने की भी तैयारी !

PUBLISH DATE: 13-09-2024

इंप्रूवमैंट ट्रस्ट, ईओ अफसर एसोसिएशन भी आई हक में, एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को लिखा पत्र !


 


पिछले 2 दिनाें से न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ जालंधर कमिशनरेट पुलिस द्वारा एक ही दिन मिति 20-07-2024 काे एक साथ जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ काटी गई  2 एफआईआर का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बल्कि यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है।


मामले में लगातार नए पहलु सामने आ रहे हैं, कई नए-नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं, कई लोग इस मामले के साथ जुड़ते जा रहे हैं। सबसे नई बात जो पता लगी है कि पूरे प्रदेश के इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के सभी मुलाज़िम अब इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरकर कड़ा रोष-प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक ट्रस्ट मुलाज़िमों एवं अधिकारियों के निजी नंबरों के साथ-साथ उनके बने हुए कई ग्रुपस में एक मैसेज का काफी तेज़ी से आदान-प्रदान होता रहा, जिसमें कहा गया है, कि 17 सिंतबर (दिन मंगलवार) को पूरे प्रदेश के ट्रस्ट अधिकारी व कर्मचारी दफ्तरों के बाहर दरियां बिछाकर रोष-प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही बाद में समूह कर्मचारियों द्वारा कलमछोड़ हड़ताल पर जाने की तैयारी भी की जा रही है।


ट्रस्ट अधिकारियों की एसोसिएशन ने एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को पत्र लिखकर चेयरमैन के कदम पर जताई आपत्ती


यहां यह भी बताने लायक है कि जिस दिन से एफआईआर की बात सार्वजनिक हुई है, उसी दिन से यह कहा जा रहा है, कि चेयरमैन के पास सीधा एफआईआर करवाने का अधिकार ही नहीं है। कुछ ऐसा ही प्रदेश के सभी ट्रस्ट, ईओ अफसरों की एसोसिएशन की तरफ से प्रधान सुरिंदर कुमारी द्वारा एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को एक पत्र लिखकर कहा है कि जो भी एफआईआर चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा के बयानों पर दर्ज किए गए हैं, उस संबधी मिति 18-07-2024 को एक दरखास्त सीपी जालंधर को लिखी जाती है, और मिति 20-07-2024 को उक्त दरखास्त पर बिना किसी इंक्वायरी (तफ्तीश( किए पर्चे दर्ज कर लिए जाते हैं।


यह मामला केवल चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा के कहने पर ही दर्ज किए गए हैं, जबकि नियमानुसार चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा को अपना पत्र पंजाब सरकार को इस मामले में की गई धोखा-धड़ी और जालसाजी के बारे में सबूत सहित सूचना हेतु भेजा जाना बनता था। और सरकार द्वारा ही इस मामले के संबंध में कोई भी आदेश या इंक्वायरी की जानी बनती थी। मगर सीधे तौर पर ही चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर जगतार सिंह संघेड़ा द्वारा उक्त पर्चे दर्ज करवा दिए गए, जो चेयरमैन इंप्रवूमैंट ट्रस्ट जालंधर के अधिकार क्षेत्र में है ही नहीं।


इसीलिए उन्होंने मांग रखी है, कि उक्त पर्चों को रद्द करवाया जाए। सरकार के स्तर पर जांच करवाई जाए और अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उसके ऊपर सरकार के स्तर पर करवाई जाए।