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अजय मल्हौत्रा एवं अनुज राय जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट एवं सरकार काे कराेड़ाें का चूना लगाने एवं गल्त काम करने के देषी करार  !

PUBLISH DATE: 20-07-2024

रिटायर्ड जज ने सौंपी अपनी इंक्वायरी रिपाेर्ट, कहा चार्जशीट में लगे सभी आराेप सही !
दोनाें आराेपियाें की बड़ी मुसीबतें, हाे सकती है बड़ी कारवाई, 30 दिन में देना हाेगा अपना जवाब



JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST BIG SCAM CHARGESHEET ENQUIRY REPORT CULPRITS PUNJAB BIG NEWS .....     जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट (JALANDHAR IMPROVEMENT TRUST) के इतिहास (HISTORY) में सबसे बड़े घाेटालाें (FRAUDS) में से एक जिसमें यहां काम करने वाले एक सीनियर सहायक अजय मल्हौत्रा (SENIOR ASSISTANT AJAY MALHOTRA) एवं जूनियर सहायक अनुज राय (JUNIOR ASSISTANT ANUJ RAI) काे लाेकल बाडी विभाग (LOCAL BODY DEPARTMENT) द्वारा 20-05-2023 काे चार्जशीट (CHARGESHEET) किया गया था और बाद में जिसकी जांच के लिए एक रिटायर्ड जज बीसी गुप्ता (ADDL. DISTRICT & SESSIONS JUDGE (RETD.) BC GUPTA) काे नियुक्त किया गया था। उस मामले में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है और दाेनाें आराेपियाें काे जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट एवं सरकार काे कराेड़ाें का चूना लगाने एवं गल्त काम करने के देषी (CULPRIT) करार दिया गया है।



इस मामले में सबसे बड़ी बात जाे ध्यान देने लायक है कि शुरूआत से ही दोनाें आराेपियाें काे बचाने के लिए एड़ी-चाेटी का ज़ाेर लगाया जाता रहा है। 100 से ऊपर बेहद महत्वपूर्ण सरकारी फाईलें दफ्तर से गायब हाे जाती हैं और बाद में किसी जादुई शक्ति से खुद ही अल्मारियाें में प्रकट भी हाे जाती हैं। यहां तक कि उन फाईलाें के साथ क्या छेड़छाड़ की गई और किस हद तक रिकार्ड काे खुर्द-बुर्द किया गया, इसकाे लेकर भी काेई ठाेस जांच ही नहीं करवाई गई और न ही किसी के खिलाफ काेई कारवाई की गई।



इतना ही नहीं 500 से लेकर 1000 कराेड़ रूपए जैसी इतनी बड़ी राशी के घाेटालाें की लिखित शिकायतें आने के बावजूद किसी अधिकारी के काेनाें पर जूं तक नहीं सरकी। जाे इस बात का जीता-जागता सबूत है कि जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट की दाल में केवल काला ही काला है।


अब एक सीनियर रिटायर्ड जज की 39 पेज वाली विस्तृत इंक्वायरी रिपाेर्ट आने से एक बार फिर से इस बात की उम्मीद ज़रूर जगी है कि शायद जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट , सरकार और आम जनता के दाेषी सरकारी कर्मचारियाें पर कानून का शिकंजा कस सकता है और इनकी मुसीबतें बड़ना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि लाेकल बाडी विभाग द्वारा इनकाे उक्त रिपाेर्ट की कापी भेजकर 30 दिन के अंदर-अंदर अपना जवाब देने के लिए भी कहा गया हैय़


अगर इस बीच काेई सैटिंग नही हाेती है या फिर रिपाेर्ट काे ठंडे बस्ते में नहीं डाला जाता है ताे एक बहुत बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश हाेना लगभग तय माना जा सकता है।


इस संबधी हाट न्युूज़ की तरफ से हर बार की तरह इस बार भी ट्रस्ट के चेयरमैन जाे खुद काे बहुत साफ-सुथरा एवं करप्शन मुक्त दफ्तर बनाने का दावा करते हैं उनसे बात करने की काेशिश की, मगर इस बार भी उन्होंने आम जनता के सामने अपना पक्ष रखना उचित नहीं समझा।


हमारी तरफ से दाेनाें आराेपियाें से भी बात करने की काेशिश की गई, मगर उनसे भी बात नहीं हाे सकी। जैसे ही इन सबसे बात हाेती है और उनका पक्ष प्राप्त हाेता है, उसे भी यथावत प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।


इसके साथ ही अगले कुछ अंकाें में इंक्वायरी रिपाेर्ट काे पूरी तरह से विस्तारपूर्वक अपने पाठकाें के सामने रखते हुए एक-एक बात काे बताया जाएगा।