328 पावन स्वरूप विवाद पर SGPC अध्यक्ष धामी का बड़ा हमला—‘भ्रामक प्रचार किया जा रहा’, 16 कर्मचारी बर्खास्त
328 पावन स्वरूप विवाद पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का बड़ा बयान
अमृतसर।
328 पावन स्वरूपों के मामले को लेकर चल रहे विवाद पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले में भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है और वास्तविक तथ्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
धामी ने कहा कि जिन 16 कर्मचारियों पर आरोप लगे थे, उनके खिलाफ एसजीपीसी के सेवा नियमों के तहत सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। अब उनका एसजीपीसी से कोई भी संबंध नहीं है, इसके बावजूद उनके खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि एसजीपीसी में करीब 22 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं और इतने बड़े प्रबंधन में यदि कहीं कोई अनियमितता होती है तो उसकी जांच नियमों के अनुसार की जाती है। अगर किसी स्तर पर रसीद नहीं काटी गई या कोई गड़बड़ी सामने आई है, तो उसकी जांच पुलिस और संबंधित एजेंसियां करेंगी। नियमों में यह कहीं नहीं लिखा है कि हर मामले में सीधे पुलिस को ही सौंपा जाए।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इस संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बर्खास्त किए गए 16 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन 17 तारीख को आए फैसले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि एसजीपीसी ने सेवा नियमों के तहत ही कार्रवाई की है और सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
धामी ने यह भी कहा कि इसके बाद सद्भावना जत्थे के बलविंदर सिंह द्वारा एक और याचिका दायर की गई, जिसमें पूर्व एसजीपीसी प्रधानों के नाम भी शामिल किए गए। इस पूरे मामले को लेकर अब एसजीपीसी और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं।
जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को सही ठहराया है, वहीं एसजीपीसी ने इसका विरोध किया है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने दोहराया कि 328 पावन स्वरूपों के मामले में संस्था ने नियमानुसार कार्रवाई की है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं गया है।
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