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रायपुर–रसूलपुर में ज़मीन घोटाले का बड़ा खुलासा

PUBLISH DATE: 19-12-2025

बैन खसरा नंबर वाली अवैध कॉलोनी को 1995 से पहले की बताकर करोड़ों का खेल !


विवादित एवं खुद को कानून से ऊपर समझने वाले कालोनाईज़र ने सरकार को लगाया करोड़ो का चूना


 


जालंधर, 19 दिसंबर : हाट न्यूज़ इंडिया ने हाल ही में तहसीलों के अंदर व्याप्त करप्श को बेनकाब करने के मकसद से एक नई सीरीज़ आरंभ की है, जिसके दूसरे अंक में शहर के एक बेहद विवादित एवं खुद को कानून से ऊपर समझने वाले एक ऐसे कालोनाईज़र के काले कारनामों के बारे में शहर की जनता के साथ-साथ ज़िला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार को अवगत करवाना है।


ताकि सरकार को लगाए गए करोड़ों रूपए के चूने में जिस-जिस का हाथ है चाहे वह कोई बड़ा अधिकारी है, कोई वसीका नवीस है, कोई आरसी है, कोई पटवारी, कोई कानूनगो, कोई तहसीलदार, कोई तहसील से आपरेटर करने वाला निजी करिंदा है और सबसे एहम अवैध कालोनी के मालिक कालोनाईज़र के खिलाफ बनती कानूनी कारवाई करके सरकारी रैवेन्यु में बनती राशी जमा करवाई जा सके।


कैसे खेला गया जालसाजी का पूरा खेल ?


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रसूलपुर रायपुर इलाके में प्रशासन की तरफ से इस विवादित कालोनाईज़र की कालोनी पर कई बार बोर्ड लगाकर आम जनता को सूचित करने का प्रयास किया गया कि उक्त ज़मीन पर किसी किस्म की सेल-परचेज़ नहीं की जा सकती और इसके खसरा नंबर तक आधिकारिक तौर पर बैन किए गए हैं। मगर कानून को अपनी जेब में रखने का दावा करने वाले दबंग कालोनाईज़र ने हर बार सरकारी बोर्ड उखाड़कर फैंक दिए, ताकि भोली-भाली जनता को मूर्ख बनाया जा सके।


कालोनाईज़र की इस बार-बार की जा रही हरकत से परेशान प्रशासन ने थककर रैवेन्यु रिकार्ड में ही मिति 24 मई, 2023 को रपट नं 346 दर्ज करवाई कि नगर एवं ग्राम योजनाबंदी विभाग पंजाब दफ्तर ज़िला नगर योजनाकार (रैगुलेटरी) जालंधर से प्राप्त पत्र नं 568 डीटीपी (आर) मिति 25 अप्रैल, 2023 के अनुसार जमाबंदी 2018-18 की खेवट नं 1021-1076-1081-1082 के खसरा नंबर 89//17/1/1-17/1/2-17/2-18/1/1-18/2/1-18/2/219-23 में पापरा एक्ट 1995 का उल्लंघन करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण किया जा रहा है, इसलिए अगले आदेशों तक इन खसरा नंबरों में किसी प्रकार की सेल डीड-रजिस्ट्री करने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई थी।


सोचने वाली बात है कि उक्त खसरा नंबर बैन थे, मगर शातिर कालोनाईज़र के पैसों की ताकत के आगे सभी अधिकारी, पटवारी आदि आसानी से बिक गए और गलत ढंग से सभी रजिस्ट्रियों के इंतकाल तक दर्ज कर दिए जिनकी रजिस्ट्री भी नहीं हो सकती थी।


मामले की सबसे खास बातें 


 सरकारी बोर्ड उखाड़े गए
बैन खसरों पर रजिस्ट्रियां करवाई गईं
राजस्व रिकॉर्ड से खुला मज़ाक
सरकार को करोड़ों का चूना


बड़ा सवाल ?


 जब खसरा नंबर बैन थे,
 तो रजिस्ट्रियां कैसे हुईं?
 इंतकाल किसके आदेश पर दर्ज हुए?
 पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, RC, वसीका-नवीस सबकी आंखों पर पट्टी कैसे बंधी रही?


 


सरकार के पास शिकायत और माननीय हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका करूंगा दायर – गौरव लूथरा


हाट न्यूज़ इंडिया से विशेष बातचीत में भाजपा पंजाब एनआरआई सैल के को-कन्वीनर एवं समाज सेवक गौरव लूथरा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार करप्शन के प्रति नो-टौलरैंस वाली नीति की बात की जाती है, मगर लालची किस्म के अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण जहां सरकार की साख पर गहरा धक्का लग रहा है वहीं दूसरी तरफ पंजाब की भोली-भाली जनता के साथ भी धोखा किया जा रहा । इसीलिए वह इस मामले में सबूतों सहित सरकार के पास शिकायत भेजेगे और साथ ही माननीय हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर करेंगे, ताकि इस मामले की गहन पड़ताल करके ऐसे गलत काम करने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ ऐसी कड़ी कारवाई की जाए, जो अपने आप में एक उदाहरण साबित करे और भविष्य में कोई भी कालोनाईज़र जनता व सरकार को चूना लगाने से पहले हज़ार बार सोचने पर मजबूर हो जाए।


क्यों है दोषियों के खिलाफ कारवाई बेहद ज़रूरी ?


सवाल सिर्फ़ कॉलोनी का नहीं…
 सवाल सिस्टम की साख का है
सवाल जनता से हुए धोखे का है


अब देखना ये है कि ?



करप्शन पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ सिर्फ़ नारा रहेगा
या रायपुर–रसूलपुर से एक मिसाल बनेगी ?