बरसातों में खतरे से जूझ रहे शाहकोट हलके के 70-80 गांवों के लोगों को मिली राहत की उम्मीद !
पूर्व सासंद के प्रयास लाए रंग, 100 साल पुराने रेल पुल के कारण आ रही समस्या का होगा समाधान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विशेष मुलाकात में दिए त्वरित कार्रवाई के आदेश
जालंधर, 12 नवंबर : बरसातों में खतरे से जूझ रहे शाहकोट हलके के 70-80 गांवों के लोगों को इस समय राहत की उम्मीद जगी जब पूर्व सांसद व सीनियर भाजपा नेता सुशील कुमार रिंकू के प्रयास रंग लाते हुए दिखाई दिए। स्थानीय लोगों की पुरजोर मांग पर इस गंभीर मुद्दे को लेकर सुशील कुमार रिंकू की अध्यक्षता में भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और मामले की पूरी जानकारी उनके ध्यान में लाई। मंत्री जी ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए रेल विभाग के संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के आदेश जारी किए।
दरअसल हर साल बरसात के मौसम में शाहकोट हलके के सैकड़ों गांवों के लोग सतलुज नदी के उफान से डरे-सहमे रहते हैं। नदी का बांध कई बार टूटने की कगार तक पहुंच जाता है, जिससे आस-पास के 70-80 गांवों के लिए भारी तबाही का खतरा मंडराता रहता है। इस समस्या की जड़ गांव गिदड़ पिंडी के पास बना करीब 100 साल पुराना रेल पुल है, जिसके नीचे लगे भारी लोहे के गार्डर नदी के प्राकृतिक बहाव में रुकावट पैदा करते हैं।
हर बरसात में नदी में बहकर आने वाले पेड़-पौधे और झाड़ियां इन गार्डरों में फंस जाती हैं, जिससे पानी का दबाव बांध की ओर बढ़ जाता है और बांध टूटने का खतरा बन जाता है। यह समस्या पिछले कई दशकों से बनी हुई है, लेकिन अब इस पर जल्द समाधान की उम्मीद जगी है।
स्थानीय लोगों ने सुशील कुमार रिंकू एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह कदम बरसात के दिनों में हर साल आने वाली मुश्किलों से स्थायी राहत दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। अब सभी को उम्मीद है कि रेल विभाग जल्द ही गिदड़ पिंडी रेल पुल की तकनीकी खामियों को दूर कर इस पुरानी समस्या का स्थायी हल निकालेगा।
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