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इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में बड़ा एक्शन: 7 अफसर सस्पेंड, सरकार ने दिखाई सख्ती

PUBLISH DATE: 31-12-2025

52.80 करोड़ के टेंडर घोटाले में बड़ी कार्रवाई, अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के 7 इंजीनियर सस्पेंड


चंडीगढ़ | 31 दिसंबर 2025


पंजाब सरकार ने साल 2025 के आख़िरी दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ सख़्त कदम उठाते हुए अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में तैनात सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई 52.80 करोड़ रुपये के कथित टेंडर घोटाले के मामले में की गई है। लोकल बॉडी विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।


सस्पेंड किए गए अधिकारियों में सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (SE), एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (XEN), सब-डिविजनल ऑफिसर (SDO) और जूनियर इंजीनियर (JE) स्तर के अधिकारी शामिल हैं। सरकार ने सभी सस्पेंड अधिकारियों को चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय से अटैच कर दिया है।


सस्पेंड किए गए अधिकारी


संतभूषण सचदेवा – सुपरिटेंडिंग इंजीनियर


रमिंदरपाल सिंह – एक्सईएन


बिक्रम सिंह – एसएक्सईएन


सुखरिपन पाल सिंह – एसडीओ


शुभम सिंह – एसडीओ


मनप्रीत सिंह – जूनियर इंजीनियर


मनदीप सिंह – (इंजीनियरिंग स्टाफ)


पंजाब म्यूनिसिपल नियमावली के तहत कार्रवाई


जारी आदेश में सस्पेंशन के स्पष्ट कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन कहा गया है कि यह कार्रवाई पंजाब म्यूनिसिपल नियमावली 1970 के तहत की गई है। इससे पहले इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी लखवीर सिंह को भी सस्पेंड किया जा चुका है।


क्या है पूरा मामला


अमृतसर के रणजीत एवेन्यू ब्लॉक-सी और 97 एकड़ स्कीम के विकास कार्यों के लिए 52.40 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था। 18 दिसंबर को फाइनेंशियल बिड खुलने पर शर्मा कांट्रैक्टर 1.08% कम रेट देकर एच-1 बिडर बनी, जबकि राजिंदर इंफ्रास्ट्रक्चर 0.25% कम रेट के कारण पिछड़ गई।


वहीं, सीगल इंडिया लिमिटेड और गणेश कार्तिकेय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दस्तावेज़ अधूरे और तकनीकी खामियों का हवाला देकर फाइनेंशियल बिड से पहले ही बाहर कर दिया गया था। इसी को लेकर सीगल इंडिया ने चीफ सेक्रेटरी से शिकायत की थी।


जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई


शिकायत के बाद डिप्टी कमिश्नर द्वारा चार सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी को सौंपे जाने के बाद लोकल बॉडी विभाग ने यह सख़्त कदम उठाया।


सरकार का सख़्त संदेश


मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जनता के पैसों से जुड़े विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


विपक्ष की प्रतिक्रिया


इस कार्रवाई पर विपक्षी दलों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ नेताओं ने इसे सही कदम बताया, जबकि अन्य ने मांग की कि सस्पेंशन के साथ-साथ निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।


अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार


फिलहाल सस्पेंड किए गए सातों अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। विभागीय जांच पूरी होने के बाद मामले की स्थिति और स्पष्ट होने की उम्मीद है।


निष्कर्ष:


अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में हुई यह बड़ी कार्रवाई पंजाब सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख़्त प्रशासनिक रुख को दर्शाती है। आने वाले दिनों में जांच के नतीजों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।