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ED का बड़ा एक्शन: ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी केस में 5 राज्यों के 11 ठिकानों पर छापेमारी, महिला आरोपी गिरफ्तार

PUBLISH DATE: 27-12-2025

डिजिटल गिरफ्तारी ठगी केस में ED की बड़ी कार्रवाई, 5 राज्यों में 11 ठिकानों पर छापेमारी, महिला आरोपी गिरफ्तार


लुधियाना/जालंधर


लुधियाना के एक नामी उद्योगपति से करोड़ों की डिजिटल गिरफ्तारी ठगी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जालंधर जोनल टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने 22 दिसंबर 2025 को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में कुल 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी ने एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई।


डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर ₹7 करोड़ की ठगी


ED के अनुसार, यह मामला लुधियाना के जाने-माने बिजनेसमैन एस.पी. ओसवाल से जुड़ा है। साइबर ठगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर नकली सरकारी और कानूनी दस्तावेज दिखाए और डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे अलग-अलग बैंक खातों में करीब ₹7 करोड़ ट्रांसफर करवा लिए।


₹5.24 करोड़ की रिकवरी, म्यूल अकाउंट से किया गया खेल


जांच में सामने आया कि ठगी की रकम में से ₹5.24 करोड़ बरामद कर पीड़ित को वापस कर दिए गए हैं। शेष राशि मजदूरों, डिलीवरी बॉय और अन्य लोगों के नाम पर खोले गए म्यूल अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई, जहां से पैसा तुरंत निकाल लिया गया या कैश में बदल दिया गया।


रूमी कलिता की गिरफ्तारी


ED के मुताबिक, रूमी कलिता नाम की महिला ठगी के पैसे को ट्रांसफर करने और छिपाने में अहम भूमिका निभा रही थी। वह म्यूल अकाउंट्स की बैंक डिटेल्स का इस्तेमाल कर रही थी और इसके बदले ठगी की रकम का हिस्सा लेती थी। छापेमारी के दौरान मिले सबूतों से उसके मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने की पुष्टि हुई।


ED ने रूमी कलिता को 23 दिसंबर 2025 को PMLA के तहत गिरफ्तार किया।


कोर्ट ने 10 दिन की ED कस्टडी में भेजा


गिरफ्तारी के बाद ED ने गुवाहाटी की CJM कोर्ट से चार दिन की ट्रांजिट रिमांड ली। इसके बाद आरोपी को जालंधर की स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 2 जनवरी 2026 तक 10 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया।


पहले भी हुई थी जांच, मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज


ED ने बताया कि इस मामले में पहले 31 जनवरी 2025 को भी जांच की गई थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद हुए थे। एजेंसी ने साफ किया है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।